ब्रह्मचर्य - पर निबंध लिखें
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ब्रह्मचर्य शब्द की उत्पत्ति ब्रह्मा से हुई है ।ब्रह्मचारी एक ऐसी अवस्था हैं जहां पर व्यक्ति बिना शादी किए रहता है। एक ब्रह्मचारी व्यक्ति दिन रात केवल प्रभु की भक्ति में अपना दिन कटाता है। उसे समाज से, उसे जग से , संसार से कोई मतलब नहीं होता उसका एक मात्र लक्ष्य है केवल अपनी प्रभु को पाना।
ब्रह्मचारी व्यक्ति केवल अपने प्रभु की सेवा में लीन रहना चाहता है जिस प्रकार हनुमान जी ब्रह्मचारी व्यक्ति थे। उन्होंने ना कभी संसार किया ना ही उन्होंने कभी किसी से शादी कि। वह केवल श्रीराम के प्रति ही भक्ति करते थे उनके सेवा में लगे रहते थे यही है ब्रह्मचर्य।
ब्रह्मचर्य शब्द की उत्पत्ति ब्रह्मा से हुई है ।ब्रह्मचारी एक ऐसी अवस्था हैं जहां पर व्यक्ति बिना शादी किए रहता है। एक ब्रह्मचारी व्यक्ति दिन रात केवल प्रभु की भक्ति में अपना दिन कटाता है। उसे समाज से, उसे जग से , संसार से कोई मतलब नहीं होता उसका एक मात्र लक्ष्य है केवल अपनी प्रभु को पाना।
ब्रह्मचारी व्यक्ति केवल अपने प्रभु की सेवा में लीन रहना चाहता है जिस प्रकार हनुमान जी ब्रह्मचारी व्यक्ति थे। उन्होंने ना कभी संसार किया ना ही उन्होंने कभी किसी से शादी कि। वह केवल श्रीराम के प्रति ही भक्ति करते थे उनके सेवा में लगे रहते थे यही है ब्रह्मचर्य।