ब्रह्मयज्ञ का क्या अर्थ
Answers
Answered by
7
Answer:
ब्रह्मयज्ञ जड़ और प्राणी जगत से बढ़कर है मनुष्य।
ईश्वर अर्थात ब्रह्म। यह ब्रह्म यज्ञ संपन्न होता है नित्य संध्यावंदन, स्वाध्याय तथा वेदपाठ करने से। इसके करने से ऋषियों का ऋण अर्थात 'ऋषि ऋण' चुकता होता है। इससे ब्रह्मचर्य आश्रम का जीवन भी पुष्ट होता है।
Explanation:
I hope this will be help you
plzz....mark me as a brainlist
Answered by
5
strong
make me branlist plz plz
Similar questions