Hindi, asked by meghnath70, 1 year ago

ब्रज की संध्या कविता का सारांस​

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Answered by bhatiamona
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                                  ब्रज की संध्या कविता का सारांस

Answer:

इस कविता में  संध्या के समय में  कवि ने बड़ी निपुणता के साथ ब्रज की संध्या प्रकृति का आकर्षक चित्रण प्रस्तुत किया है। ब्रज के साथ जल-स्थल-आकाश में बनने वाली निराली शोभा का वर्णन किया गया है। भगवान कृष्ण जी की बाँसुरी की मधुर ध्वनि से ब्रज की इस सांध्यकालीन शोभा का चार चाँद लग जाते हैं।  ब्रज की संध्या को हम कृष्ण जीकृषण की संध्या कहते है , संध्या के समय सभी गोपियाँ कृष्ण जी की बाँसुरी की मधुर ध्वनि की प्रतीक्षा करती है |

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