Hindi, asked by AvarielleHawthai, 1 year ago

‘ब्रज की संध्या' शीर्षक के अन्तर्गत संकलित छन्द 'प्रियप्रवास' महाकाव्य के प्रथम सर्ग के प्रा
अंश से लिये गए हैं। शीर्षक के अनुरूप इन छन्दों में संध्या समय ब्रज के जल-स्थल-आकाश में बनने
वाली निराली शोभा का वर्णन है। कृष्ण की बाँसुरी की मधुर ध्वनि से ब्रज की इस सांध्यकालीन शोभा का
चार चाँद लग जाते हैं। कवि ने बड़ी निपुणता के साथ प्रकृति का आकर्षक चित्रण प्रस्तुत किया है। इन
काव्य-पंक्तियों में संस्कृतनिष्ठ पदावली से सजी कलात्मक भाषा का प्रयोग हुआ है।
plz explain this to me in your own words i.e hindi​


Infinitum: Roses are red
babusinghrathore7: ये हिन्दी में ही सरल भाषा में वर्णन हैं। आप इसमें क्या पूछना चाह रहें हैं।

Answers

Answered by AbsorbingMan
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‘ब्रज की संध्या' शीर्षक के अन्तर्गत संकलित छन्द 'प्रियप्रवास' महाकाव्य के प्रथम सर्ग के प्रा अंश से लिये गए हैं। शीर्षक के अनुरूप इन छन्दों में संध्या समय ब्रज के जल-स्थल-आकाश में बनने वाली निराली शोभा का वर्णन है। कृष्ण की बाँसुरी की मधुर ध्वनि से ब्रज की इस सांध्यकालीन शोभा का चार चाँद लग जाते हैं। कवि ने बड़ी निपुणता के साथ प्रकृति का आकर्षक चित्रण प्रस्तुत किया है। इन काव्य-पंक्तियों में संस्कृतनिष्ठ पदावली से सजी कलात्मक भाषा का प्रयोग हुआ है।

इसका सरल शब्दों में अर्थ यह है कि कृष्ण जी संध्या समय यानी कि शाम के समय बांसुरी बजाते हैं बहुत ही मधुर स्वर में गाते हैं और गोपियां रास रचाते हैं । इसमें कवि अपने सुंदर शब्दों से प्रकृति को बहुत ही सुंदर तरीके से वृत्तांत में बताते हैं।

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