Hindi, asked by kbhardwaj2311, 6 months ago

बिरसा मुंडा बंधी कैसे बने​

Answers

Answered by Anonymous
8

Answer:

 1.मुंडा लोग बिरसा मुंडा को धरती का पिता यानी ‘धरती अबा’ कहते हैं.

2. मुंडा ने 28 जून, 1898 को सामाजिक बराबरी के लिए चुटिया के मंदिर का अभियान शुरू किया और एक नेता के रूप में सामने आए.

3. 1899 में क्रिसमस के वक्त 7000 आदमी और औरतें इकट्ठा हुए और क्रांति की घोषणा की. जो जल्द ही खुंती, तमार, बसिया और रांची तक फैल गई. 5 जनवरी 1900 तक सारी मुंडा जनजाति ने हथियार उठा लिए. बहुत से पुलिस वाले मार दिए गए और करीब 100 इमारतों में आग लगा दी गई. अबुआ दिसुन यानी स्वराज्य कायम हो गया.

4. इनसे लड़ने के लिए अंग्रेजों ने सेना भेजी. साथ में बिरसा को गिरफ्तार करने के लिए 500 रुपये का इनाम रखा गया. डुम्बारी पहाड़ी पर वैसा ही एक काण्ड ब्रिटिश सेना ने किया, जैसा जलियांवाला बाग के समय हुआ था. सैकड़ों लोग मारे गए. मंजर ये था कि सारी पहाड़ी पर लाशें छितराई हुई थीं. इस जनसंहार के बाद लाशों को खाई में फेंक दिया गया. बहुत से लोगों को जिन्दा जला दिया गया.

5. स्टेट्समैन ने 25 मार्च को 400 लोगों की मौत की बात लिखी थी. पर ये सारी बातें एडमिनिस्ट्रेशन ने दबा दीं. डुम्बारी पहाड़ी का नाम बदलकर ‘टॉप्प्ड बुरु’ रख दिया गया. जिसका मतलब होता है. ‘मौत का टीला.’

6. बिरसा जाम्क्रोपी के जंगल में सो रहे थे. तभी 3 मार्च, 1900 को रांची के डिप्टी कमिश्नर ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. 15 अलग-अलग केस में 460 लोगों को गिरफ्तार किया गया. 1 को मौत की सजा हुई. 39 को काला पानी. 23 को उम्रकैद.

7. जेल में ही बिरसा की 9 जून 1900 को मौत हो गई. 10 महीने तक जेल में कैद लोगों पर इतना अत्याचार किया गया कि 6 लोगों की मौत हो गई. आदिवासी नायक बिरसा मुंडा भी उनमें से एक थे.

जून, 2016 में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने मुंडा की मूर्तियों को जंजीरों से आजाद करने का आदेश दिया था. झारखंड सरकार का मानना है कि जिस तरह उस वक्त बिरसा मुंडा को जंजीरों में बंधा हुआ दिखाया जाता था, उससे नौजवानों में बुरा मैसेज जाता होगा. कला और संस्कृति मंत्रालय ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री रघुबर दास के सामने रखा था. झारखंड के जवानों के लिए मुंडा आइडल हैं.

Similar questions