Hindi, asked by joshiarjun058, 9 months ago

‌‌ बिरट भुवंगम तन बसै , मंत्र न लगै कोई । पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए |

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Answered by XxMissPaglixX
18

♡Answer♡:-

विरह भवन गंतन बसे मंत्र ना लागे कोई ।

इस पंक्ति का यह अर्थ है कि अगर हमारे अंदर सांप का जहर फैल गया तो उस जहर को निकालने के लिए ना कोई मंत्र या फिर ना कोई तंत्र कुछ काम नहीं करता ।

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♡Thank you♡

Answered by PrasadMane916
2

Answer:

बिरह भुवंगाम तन बसे मंत्र ना लागे कोइ|

जिसके जीवन में प्रभु प्रेमी की तड़प जाग उठती है वह वियोग की पीढ़ा में बोहथ व्यथित होता है । उस पर कोई दवा असर नहीं करती । उसे प्रभु से मिले बिना किसी प्रकार का चेेन नहीं मिलता।

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