Hindi, asked by prantikdeb6, 2 months ago

बांस के फूल किसका काव्य संग्रह है​

Answers

Answered by JyeshthaGoswami
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Answer:

बाँस के फूल - वासन्ती Bans ke Phool - Hindi book by - Vasanthi.

Explanation:

pls give me thanks

Answered by prapti200447
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फूल खिलने से भले ही आपको ताजगी का एहसास होता हो लेकिन बांस के फूल खिलने में मिजोरम के लाखों लोगों को भूखमरी के करार पर खड़ा कर दिया है। राय में लगभग आधी शताब्दी के बाद खिले बांस के फूलों को खाकर चूहों की आबादी बढ़ गई है और इन्होंने खेतों में लहलहाती फसलों को चट कर लिया है। सरकारी अधिकारियों और बचाव कर्मचारियों का कहना है कि चूहे धान की पूरी की पूरी फसल चट कर गए हैं और राय में अकाल की स्थिति पैदा हो गई है। कहते है कि बांस पर फूल प्रत्येक 48 वर्ष के बाद खिलते हैं। इस वर्ष भी बांस के फूल खिले हैं। वास्तव में बांस के फूल खाकर चूहों की प्रजनन शक्ित बढ़ जाती है और उनमें प्रतिरोधक क्षमता में अपेक्षाकृत यादा हो जाती है। चूहों ने बांस के फूल खाने के बाद जनजाति लोगों के घरों की आेर रूख करना शुरू कर दिया है और खेतांे में तबाही मचा दी है। पछले वर्ष 1में बांस के फूल खिले थे तब भी चूहों ने धान की पूरी की पूरी फसल समाप्त कर दी थी और खाद्यान्न का भीषण संकट पैदा हो गया था। बचाव कर्मियों का कहना है कि वर्ष 2007 में सरकार ने इस आसन्न संकट से निपटने की उम्मीद जताई थी। लेकिन बेहतर योजना नहीं होने और धान के वैकल्पित आपूर्ति के बावजूद चूहों के आतंक को नहीं रोका जा सका। हालत यहां तक पहुंच गई है कि लोगों को जंगली फलों, आलू और अन्य कंद मूलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। उनके पास चावल खरीदने के लिए पर्याप्त धन नही है। गैर सरकारी सूत्रों के मुताबिक मिजोरम के आठों जिलों में खाद्यान्न संकट है और क्षेत्र भूखमरी की आेर बढ़ रहा है। क्षेत्र की स्थिति तेजी से नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बांस का फूल खिलने को स्थानीय भाषा में (मौतम) कहा जाता है जो अकाल पड़ने का संकेत होता है। इसके बारे में सरकारी अधिकारियों को सूचित किया गया था लेकिन उन्होंने इसे अंधविश्वास कहकर टाल दिया। मिजोरम को 15 हजार टन चावल प्रति वर्ष चाहिए, लेकिन फिलहाल 3000 टन चावल ही मिल पा रहा है।

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