बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन बिसनाथ ने किया है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
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Explanation:
किस स्थान पर कितनी वर्षा हुई है, इसे मापने के लिए एक यंत्र काम में लाया जाता है, जिसे वर्षामापी (Rain gauge) कहते ...
बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन बिसनाथ ने बहुत अच्छे से किया है |
बिस्कोहर की बरसात एक दम सीधे नहीं होती है। पहले आकाश में बादल आ जाते है। उसके बाद वह गड़गड़ाहते हैं। दिन में यदि बादल आकाश में छा जाए तो लगता है मानो रात हो गई है। तेज़ बारिश होने लगती है।
बारिश होने का स्वर तबला, मृदंग तथा सितार जैसा लगता है। लेकिन जब तेज़ होती है, तो लगता है मानो दूर से घोड़े भागे चले आ रहे हों। प्रत्येक स्थान को वर्षा भीगा देती है। एक दिन होकर वर्षा बंद नहीं होती है। कई-कई दिन तक होती रहती है।
बरसात के कारण किसी मकान की छत उड़ जाती है, तो कभी जमीन धंस जाती है। नदी में बाढ़ तक आ जाती है। गाँव के सभी पशु-पक्षी बरसात का आनंद उठाते हुए यहाँ से वहाँ भागते दिखाई देते हैं। नदी-नाले भर जाते हैं। चारों तरफ पानी ही पानी हो जाता है। पहली बरसात से चर्म रोग दूर हो जाते हैं।