बांस की क्रांति के योगदान को लिखें
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जम्मू कश्मीर में आने वाले दिनों में प्लास्टिक के विकल्प के रूप में बांस को बढ़ावा दिया जाएगा। मोदी सरकार ने अपनी देश व्यापी प्लास्टिक के इस्तेमाल को न कहने के बाद इसका विकल्प तैयार करने की दिशा में काम शुरु किया है। प्लास्टिक को न कह कर और बांस को बढ़ावा देकर पर्यावरण के संरक्षण में अहम योगदान दिया जा सकता है। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि बांस क्रांति लाकर प्लास्टिक का इस्तेमाल समाप्त करके उसकी जगह बांस ले सकता है।
देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में बांस को बढ़ावा दिया जा रहा है। जम्मू संभाग के कंडी इलाकोें सांबा, कठुआ और जम्मू के आसपास के इलाकों में भी बांस होता है। बांस से इससे फ्लोरिंग, फर्नीचर, हैंडीक्रॉफ्ट, ज्वैलरी, बोतलें, अगरबत्ती, चाकू, चमच, आदि बनाई जाती है। पीएमओ में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह जिनके पास उत्तरी पूर्वी राज्य का भी प्रभार है, के प्रयासों से असम के गुहावाटी में देश की पहली बैम्बू इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित हो चुकी है।