बेसिन की संधि की क्या शर्ते थीं? इसका राजनैतिक महत्त्व बताइए।
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Answer:
अठारहवीं सदी के आते-आते मराठा साम्राज्य की आंतरिक एकता छिन्न-भिन्न हो गयी और विकेंद्रीकरण की शक्ति प्रबल हो गयी थी. जब मराठा संघ ऐसी बुरी स्थिति से गुजर रहा था तो वेलेजली जिया साम्राज्यवादी ईस्ट इंडिया कंपनी का गवर्नर जनरल बनकर आया. उसने आते ही मराठों के ऊपर भी अपना साम्राज्यवादी चक्र चलाना शुरू किया . जब तक नाना फड़नवीस जिन्दा रहा तब तक वह मराठों के पारस्परिक कलह और प्रतिस्पर्द्धा को रोकने में सफल रहा परन्तु उसकी मृत्यु के बाद मराठा सरदारों के बीच आपसी युद्ध शुरू हुआ. होल्कर ने सिंधिया और पेशवा की संयुक्त सेना को पूना के निकट पराजित किया. पेशवा बाजीराव द्वितीय ने बेसिन में शरण ली और 31 दिसम्बर, 1802 में सहायक संधि स्वीकार कर ली. यह समझौता बेसिन की संधि (Treaty of Bassein) के नाम से जाना जाता है.
बेसिन की संधि की निम्न शर्ते थी |
1. खतरा के वक़्त एक दूसरे का साथ देना |
2. अंग्रेज़ो की तरफ से मराठा को तोप और 6000 सैनिक की मदद और उसके बदले 26 लाख रुपय लिया गया|
3. अंग्रेज़ो के इज़ाज़त के बिना मराठा किसी यूरोपियन को अपने अंतर्गत नौकरी पर नही रख सकता |
4. इज़ाज़त के बिना किसी दूसरे राज्य से युद्ध संधि और पत्र व्यवहार नही कर सकता |
Explanation:
बसीन की संधि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बाजी राव द्वितीय के बीच 31 दिसंबर 1802 के पूना की लड़ाई के बाद हस्ताक्षरित एक संधि थी। यह संधि मराठा साम्राज्य के विघटन में एक निर्णायक कदम थी, जिसके कारण 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने पश्चिमी भारत में साम्राज्य के क्षेत्रों को हड़प लिया। 13 मई 1803 को, बाजी राव द्वितीय को ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण में पेशवा के रूप में बहाल किया गया और मराठा राज्य इस प्रकार अंग्रेजों का ग्राहक बन गया। इस संधि के कारण भारतीय उपमहाद्वीप पर ईस्ट इंडिया कंपनी के बोलबाला और प्रभाव का विस्तार हुआ। यह संधि सभी मराठों के सरदारों के लिए स्वीकार्य नहीं थी और इसके परिणामस्वरूप दूसरा एंग्लो-मराठा युद्ध हुआ।