Hindi, asked by maniahkumarkuahwah, 1 month ago

बासी प्रश्न 2. चूरन वाले भगत जी से हमें (संतोषी/लालची) प्रवृत्ति की शिक्षा मिलती है। Ar8 - चूरन वाले भगात जी से हमें संतोषी पतति की शिक्षा मिलती है प्रश्न 3 मुंशी प्रेमचंद ने जैनेंद्र को भारत का क्या कहकर महिमामंडित किया है? प्रश्न 4 "यह लोग बाजार का बाजारूपन बढ़ाते हैं" - 'बाजार दर्शन पाठ के आधार पर बताइए कि वे लोग किसके लिए र प्रश्न 5 जैनेंद्र कुमार की दो प्रमुख कृतियां तथा उन्हें प्राप्त दो प्रमुख पुरस्कार बताइए। Ans- जैनेंद्र कुमार की दो प्रमुख कृतियाँ दो पुमुख्य पुरस्कार - साहित्य अडादेमी पुरस्कार , भारत - भारती सम्मम, प्रश्न 6 पाठ के अंत में 'भाषा की बात' के आधार पर बताइए निपात क्या होते हैं उदाहरण भी दीजिए?जैनेंद्र कुमार की दो प्रमुख कृतियां कौन-कौन सी है ​

Answers

Answered by up554448
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Answer:

भगत जी को अपनी आवश्यकता का स्पष्ट ज्ञान है। वह निर्लोभ तथा सन्तोषी है। बाजार में माल बिछा रहता है किन्तु अपनी जरूरत की चीजें जीरा और नमक खरीदने के बाद बाजार में उनकी रुचि नहीं रहती। बाजार का आकर्षण उनके लिए शून्य हो जाता है। उन पर बाजार का जादू नहीं चलता, भगत जी चौक बाजार के बड़े-बड़े शानदार स्टोरों को छोड़ते हुए आगे बढ़ते हैं और एक पंसारी की दुकान पर रुकते हैं। वहाँ से वह जीरा और काला नमक खरीदते हैं। अपनी जरूरत की चीजें बाजार से खरीदकर वह बाजार को सार्थकता प्रदान करते हैं। अपनी आवश्यकता पूरी करने के बाद बाजार उनको आकर्षित नहीं कर पाता।Read more on Sarthaks.com - https://www.sarthaks.com/772550/

Answered by komalbasita996
3

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चुरन वाले भगत जी से हमें( संतोषी‌/लालची) प्रवृति की शिक्षा मिलती है

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