Hindi, asked by AadyaIndia, 1 day ago

बात अठन्नी की कहानी का सार

Answers

Answered by shishir303
4

‘बात अठन्नी की’

‘बात अठन्नी की’ कहानी ‘सुदर्शन’ द्वारा लिखी गई एक ऐसी कहानी है, जिसके माध्यम से लेखक ने समाज के कड़वे सच को दिखाया है। ये कहानी ये बताती है कि वर्तमान न्याय व्यवस्था भेदभाव से भरी हुई है। वर्तमान न्याय व्यवस्था में निष्पक्ष और सच्चे न्याय की आशा करना व्यर्थ है। सच्चा न्याय के लिये आवश्यक है कि सभी पक्षों को समान भाव से देखा जाये और उसमें अमीरी-गरीबी या ऊँच-नीच भेद-भाव न हो। परन्तु वर्तमान न्याय व्यवस्था में ऐसा नही होता है। यहां पर यदि कोई गरीब है तो उसके एक मामूली से अपराध पर उसे बहुत बड़ी सजा हो जाती है, जबकि बहुत से धनवान, बाहुबली और दबंग लोग अनेक प्रकार के अपराध या घोटाले करके भी साफ बच निकल जाते हैं या उन्हें मामूली सी सजा ही होती है। न्यायपालिका और शासन-प्रशासन भी अमीर और सामर्थ्यवान लोगों का ही साथ देते हैं।

कहानी का सार...

कहानी के एक पात्र बाबू जगत सिंह के यहां एक नौकर काम करता है, जिसका नाम ‘रसीला’ था। रसीला के बच्चे गांव में रहते हैं। एक बार उसे खबर मिलती है कि उसके बच्चे बीमार हैं उन्होंने इलाज के लिए पैसे मंगाए हैं। रसीला के पास पैसे नहीं थे। उसने अपने मालिक से उधार एडवांस पैसे मांगे पर उसके मालिक ने पैसे देने से मना कर दिया।

जगत सिहं के पड़ोसी के यहां रमजान नाम का चौकीदार काम करता था। वह रसीला का अच्छा दोस्त था। रसीला ने रमजान से पैसे उधार लिए और अपने बच्चों के इलाज के लिए भेज दिए। कुछ समय बीतने पर रसीला ने धीरे-धीरे करके रमजान को उसके पैसे तो लौटा दिए परंतु उसमें से आठ आना बाकी रह गये। इस बात से रसीला बहुत शर्मिंदा होता था। एक दिन उसके मन में थोड़ा सा खोट आ गया और उसके मालिक जगत सिंह उसे जो पाँच रूपये मिठाई लाने के लिए दिए थे उनमें से वह केवल साढे चार रूपये बजे लेकर आया और आठ आना बचा लिए। ये आठ आने उसने रमजान को देकर उसका कर्जा चुका दिया। लेकिन उसके मालिक को उसकी चोरी का पता चल गया और उन्होंने उसे बहुत पीटा तथा पुलिस के हवाले कर दिया और पुलिस को पैसे देकर कहा कि उसे जो चाहे कबूल करवा लें।

रसीला के मालिक जगत सिंह के पड़ोसी शेख सलीमुद्दीन जिला मजिस्ट्रेट थे और उन्हीं की अदालत में रसीला का मुकदमा आया। शेख सलीमुद्दीन ने रसीला को  छः महीने की सजा सुनाई। यह जान कर रमजान को बहुत गुस्सा आया उसने कहा यहां न्याय नहीं अन्याय है। मात्र छोटी सी अठन्नी की चोरी करने पर रसीला को इतनी कठोर सजा मिली, जबकि बड़े बड़े अपराधी होते हैं जो बड़े-बड़े घोटाले करते हैं लेकिन पकड़े नहीं जाते। वह अपने पैसे की ताकत से बच निकलते हैं और हम जैसे गरीब लोग छोटी से गलती पर भी बड़ी सजा पाते हैं। अदालतें केवल गरीबों को दबाने के लिए ही हैं उनको न्याय दिलाने के लिये नही।

इस कहानी के माध्यम से लेखक ने यह बताने की कोशिश की है कि हमारी न्याय व्यवस्था सड़-गल चुकी है और यहां पर न्याय के नाम पर केवल दिखावा होता है। कमजोर और गरीब लोगों को को सताया ही जाया है तथा बड़े और दबंग लोगों को जी-हुजूरी की जाती है।  

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Similar questions