Hindi, asked by ansarishahnaz999, 7 months ago

बात अठन्नी की रसीला क्या सोचा करता था?​

Answers

Answered by gdkedar1972
31

Answer:

बात अठन्नी की शीर्षक की सार्थकता

"बात अठन्नी की" कहानी में कथाकार श्री सुदर्शन ने कहानी के माध्यम से समाज के कड़वे सच का परिचय करवाया है . पूरी कहानी अठन्नी पैसे के इर्द -गिर्द घूमती दिखाई देती है .

रसीला को अपने बीमार बच्चों के इलाज़ के लिए अपने मित्र जो की पड़ोसी का चौकीदार रमज़ान है ,से पैसे लेकर भेजता है . बच्चों के ठीक हो जाने पर थोड़े -थोड़े करके पैसे चुका देता है ,लेकिन सिर्फ आठ आने बकाया रह जाते है .एक दिन अपने मालिक जगत सिंह द्वारा पाँच रुपये की मिठाई मगएं जाने पर वह आठ आने की हेरा -फेरी पर अपना उधार रमज़ान को चुका देता है .लेकिन उसकी यह चोरी मालिक द्वारा पकड़ ली जाती है और बहुत मार पड़ती है तथा वह पुलिस को सौंप दिया जाता है . अदालत में उसे ६ महीने की सज़ा सुना दी जाती है . इस पकार उसके साथ बहुत अन्याय हुआ था .

इस दुनिया में गरीबों पर अमीरों द्वारा सिर्फ अपने स्वार्थ सिद्धि करने के लिए अत्याचार किये जाते है .सिर्फ आठ आने के लिए रसीला को मार भी खानी पड़ी तथा ६ माह की सज़ा भी दी गयी है . पूरी कहानी आरंभ से अंत तक अठन्नी के चारों घूमती है . अतः बात अठन्नी की शीर्षक ,पूरी तरह से सार्थक एवं उचित है .

रसीला का चरित्र चित्रण

बात अठन्नी कहानी का मुख्य पात्र रसीला है . वह एक गरीब व्यक्ति है .वह बाबू जगत सिंह के यहाँ नौकर है .सिर्फ दस रुपये के मासिक वेतन पर वह कई बर्षों से जगत सिंह के यहाँ काम कर रहा है . बार बार आग्रह करने पर भी उसका वेतन मालिक नहीं बढ़ाते है ,कहते है कहीं और ज्यादा मिले तो तुरंत चले जाओ .रसीला को लगता है कि यहाँ उसको बहुत सम्मान मिलता है ,इसीलिए यहाँ रहना उचित है .

अतः यह कहा जा सकता है कि रसीला एक ईमानदार ,कर्तव्यनिष्ठ ,परिश्रमी ,सरल तथा संकोची स्वभाव का व्यक्ति है . उसकी ईमानदारी एवं मिलनसार व्यक्तित्व पाठकों पर एक गहरा प्रभाव छोडती है .

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Answered by faiza2013
7

Answer:

mowgli

Explanation: Mowgli

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