बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ विषय पर सभी संचार माध्यमों से सूचनाएं एकत्र कीजिये और रक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार कीजिये।
rahul2319982000:
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इसके अलावा विद्वानों ने इसे दहेज से जुड़कर भी देखा था ना कि प्राचीन काल में इस प्रकार नहीं मिले हैं वैदिक काल में तो कंयाओं की शिक्षा दीक्षा का उचित प्रबंध किया जाता था ऋग्वेद में सकता घोसा अपाला आदि अनेक विदेशी स्त्रियों के नामों का उल्लेख किया गया है जिन्होंने ऋग्वेद के अनेक मंत्रों की रचना की है गाड़ी के नाम से भी हम परिचित हैं जिन्होंने गार्गी संहिता नामक प्रसिद्ध खगोल विज्ञान के ग्रंथ की रचना की तथा यज्ञ कर लिया जैसे विज्ञान विषयों को शास्त्रार्थ युद्ध में पराजित कर दिया था|
प्रसिद्धि स्मृति कार महर्षि मनु ने तो अपनी विश्वविख्यात कृति मनुस्मृति में लिखा है यत्र ना्यरस्तुपूज्यंते रमंते तत्र देवता अर्थात जहां नारी नारियों का सम्मान होता है वहां देवताओं का निवास होता है परंतु वर्तमान में इसकी एकदम विपरीत स्थिति हो रही है क्योंकि पहले तकनिक नहीं थी इसलिए कन्या शिशु को जन्म लेने के बाद मार दिया जाता था किंतु अब तकनीकी कारण कन्या भूर्ण को गर्भ में ही मार दिया जाता है|
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सुनियोजित लिंग भेद के कारण भारत की जनसंख्या से लगभग 5 करोड़ लड़कियां गायब है विश्व में अधिकतर देशों में प्रति पुरुषों पर लगभग 105 स्त्रियों का जन्म होता है जबकि भारत में सबसे ऊपर केवल 930 ही है संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में अनुमानित तौर पर प्रतिदिन 2000 में जन्मी कन्या की हत्या की जाती है| भारत में यह स्त्री विरोधी नजरिया समाज के सभी वर्गों में फैला है भारत में स्त्रियों को महत्व ना देने के कई कारण हैं जिन में आर्थिक उपयोगिता सामाजिक उपयोगिता तथा धार्मिक उपयोगिता प्रमुख है|
प्रसिद्धि स्मृति कार महर्षि मनु ने तो अपनी विश्वविख्यात कृति मनुस्मृति में लिखा है यत्र ना्यरस्तुपूज्यंते रमंते तत्र देवता अर्थात जहां नारी नारियों का सम्मान होता है वहां देवताओं का निवास होता है परंतु वर्तमान में इसकी एकदम विपरीत स्थिति हो रही है क्योंकि पहले तकनिक नहीं थी इसलिए कन्या शिशु को जन्म लेने के बाद मार दिया जाता था किंतु अब तकनीकी कारण कन्या भूर्ण को गर्भ में ही मार दिया जाता है|
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सुनियोजित लिंग भेद के कारण भारत की जनसंख्या से लगभग 5 करोड़ लड़कियां गायब है विश्व में अधिकतर देशों में प्रति पुरुषों पर लगभग 105 स्त्रियों का जन्म होता है जबकि भारत में सबसे ऊपर केवल 930 ही है संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में अनुमानित तौर पर प्रतिदिन 2000 में जन्मी कन्या की हत्या की जाती है| भारत में यह स्त्री विरोधी नजरिया समाज के सभी वर्गों में फैला है भारत में स्त्रियों को महत्व ना देने के कई कारण हैं जिन में आर्थिक उपयोगिता सामाजिक उपयोगिता तथा धार्मिक उपयोगिता प्रमुख है|
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