बेटी बचाओ देश बचाओ पर विज्ञापन
(30 से 40 शब्दों में)
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Answer:
सृष्टि का सृजन है ''बेटी"
घर का आँगन है "बेटी"।
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी से जोड़ते जाओ
"बेटी बचाओ" "बेटी पढ़ाओ" ।
"बेटियों" को मत रखो निरक्षर
"बेटियाँ" भी बनेंगी बड़ी अफसर ।
खुले आसमान की ऊँची उड़ान है "बेटी"
हर माँ-बाप का गर्व और सम्मान है "बेटी"।
दुश्मनों का मुकाबला डट के कर सकती है "बेटी"
मत बाँधों बेड़ियों में ऊँची उड़ान भर सकती है "बेटी"।
दे दो दर्जा "बेटियों" को समान अधिकार का,
उनकी ख्वाहिशों पर न अंकुश लगाओ
"बेटियां बचाओ" "बेटियां पढ़ाओ " ।
संसार, देश, ज़िन्दगी की जरूरत है "बेटी"
"बेटी" से बन औरत, हर आदमी की पूरक है "बेटी"।
'बेटी', पत्नी, माँ कई रूप हैं "बेटी" के,
प्यार, स्नेह, सानिध्दय, हर रूप में देती ये।
भ्रूण हत्या, घोर अपराध देश का अपमान है,
"बेटी" के प्रति छोड़ दो नीचता, इसी में समाधान है।
बनो ज्ञानी, बनो दानी अब तो लोगों जग जाओ,
मत करो भ्रूण हत्या,"बेटी" बचाने में लग जाओ।
- नूरहसन उर्फ शाहनील ख़ान
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