Hindi, asked by Sunny353535, 5 hours ago

बेटी बताओ बेटी पढाओ write an essay ​

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Answered by princedaila4
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Answered by pragyasharma0208
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प्रस्तावना (Introduction)

“यत्र नार्यस्तु पुजयन्ते रमन्ते तत्र देवता”

अर्थात् जहाँ नारियों को सम्मान दिया जाता है, वहाँ साक्षात् देवता निवास करते हैं। यह वेद वाक्य है अर्थात हमारे वेदों में नारी को उच्च स्थान प्राप्त है। परन्तु फिर भी सदियों से नारी घोर अन्याय, अत्याचार और शोषण से जूझ रही है। हमारा भारत देश पौराणिक संस्कृति के साथ-साथ महिलाओं के सम्मान और इज्जत के लिए जाना जाता था। लेकिन बदलते समय के अनुसार हमारे देश के लोगों की सोच में भी बदलाव आ गया है। जिसके कारण अब बेटियों और महिलाओं के साथ सम्मान और इज्जत का व्यवहार नहीं किया जाता।

आज हमारे 21वी सदी के भारत में जहां एक ओर चांद पर जाने की बातें होती हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत की बेटियाँ अपने घर से बाहर निकलने पर भी कतरा रही हैं। जिससे यह पता लगता है कि आज का भारत देश पुरुष प्रधान देश है। लोगों की सोच इस कदर बदल गई है कि आए दिन देश में कन्या भ्रूण हत्या और शोषण जैसे मामले देखने को मिलते रहते हैं। जिसके कारण हमारे देश की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि दूसरे देशों के लोग हमारे भारत देश में आने से झिझकने लगे हैं।

स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि जिस देश में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, उस देश की प्रगति कभी भी नहीं हो सकती।

समाज में बेटियों की हो रही दुर्दशा और लगातार घट रहे लिंगानुपात, समाज के लोगों की संकीर्ण मानसिकता का सबूत है। समाज में बेटी-बेटा के प्रति फैली असामनता की भावना का नतीजा ही है कि आज कन्या भ्रूण हत्या, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। हमें समझने कि आवश्यकता है कि पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व, आदमी और औरत दोनों की समान भागीदारी के बिना संभव नहीं होता है। दोनों ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के साथ-साथ किसी भी देश के विकास के लिए समान रूप से जिम्मेदार है।

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