History, asked by sanyukt8, 2 months ago

बैटिंग के प्रशासनिक का मूल्यांकन प्रस्तुत करें सुधारो ​

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Answered by jyotisabat20
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Answer: First write the question in english except writing in hindi and then send the question again

Answered by Anonymous
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Answer:

लॉर्ड विलियम बैंटिक, जिन्हें 'विलियम कैवेंडिश बैटिंग' के नाम से भी जाना जाता है, को भारत का प्रथम गवर्नर-जनरल का पद सुशोभित करने का गौरव प्राप्त है। पहले वह मद्रास के गवर्नर बनकर भारत आये थे। उनका शासनकाल अधिकांशत: शांति का काल था। लॉर्ड विलियम बैंटिक ने भारतीय रियासतों के मामले में अहस्तक्षेप की नीति को अपनाया था। उन्होंने पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह से संधि की थी, जिसके द्वारा अंग्रेज़ और महाराजा रणजीत सिंह ने सिंध के मार्ग से व्यापार को बढ़ावा देना स्वीकार किया था। विलियम बैंटिक के भारतीय समाज में किए गए सुधार आज भी प्रसिद्ध हैं। सती प्रथा को समाप्त करने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान था। अपने शासनकाल के अंतिम समय में वह बंगाल के गवर्नर-जनरल रहे थे।

Explanation:

नीति सामान्यत: लॉर्ड विलियम बैंटिक ने देशी रियासतों के मामलों में हस्तक्षेप न करने की नीति का अनुसरण किया। लेकिन 1831 ई. में मैसूर नरेश के लम्बे कुशासन के कारण उसके राज्य को ब्रिटिश प्रशासन के अंतर्गत ले लिया गया। बैंटिक भारतीय साम्राज्य के विभिन्न प्रान्तों की स्वयं जानकारी रखने के उद्देश्य से बहुत अधिक दौरे किया करते थे। 1829 ई. में वह मलय प्रायद्वीप गये और उसकी राजधानी पेनांग से सिंगापुर स्थानान्तरित कर दी। इंग्लैण्ड की सरकार के निर्देश पर उन्होंने सिंध के अमीरों से व्यावसायिक संधियाँ कीं, जिसके फलस्वरूप सिन्धु का जलमार्ग अंग्रेज़ों की जहाज़रानी के लिए खुल गया। 1831 ई. में उन्होंने पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह से संधि की, जिसके फलस्वरूप अंग्रेज़ों और महाराजा ने सतलुज और ऊपरी सिन्ध के मार्ग से व्यापार को प्रोत्साहित करना स्वीकार कर लिया। उनके द्वारा एक ग़लत नीति का सूत्रपात इस रूप में हो गया कि, अमीर दोस्त मुहम्मद से अफ़ग़ानिस्तान की राजगद्दी प्राप्त करने के लिए निर्वासित शाहशुजा को प्रोत्साहित किया गया। इस ग़लत नीति के फलस्वरूप 1838-1842 ई. में प्रथम अफ़ग़ान युद्ध में अंग्रेज़ों को भारी क्षति उठानी पड़ी, यद्यपि बाद में सिंध को अंग्रेज़ी राज्य में मिला लिया गया था।

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