बिता हुआ समय कभी लौहिंदी निबंध 2 पेज
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Explanation:
समय बहते हुए जल की तरह होता है। समय के अपने कुछ कायदे कानून है। एक बार हाथ से फिसला हुया समय फिर कभी वापस नहीं लौटता है। गलती से मुंह से निकली बात को मनुष्य वापस ठीक नहीं कर सकता, शरीर से निकली आत्मा वापस शरीर में दाखिल नहीं हो पाती है। गुजरा हुया बचपन और किशोरावस्था कभी वापस नहीं आता। जो गुजरा हुआ वक़्त है, उसे हम चाहे जो कुछ कर ले, वापस नहीं ला सकते है। इसलिए सही समय पर सही कार्य मनुष्य को करना चाहिए ताकि उसे बाद में पछताना ना पड़े।
समय रूपी अमृत को निरंतर बहते नहीं देना चाहिए। ज़रूरी नहीं इंसान को इससे प्यास बुझाने का मौका हमेशा मिले। समय रहते ही मनुष्य को समय रूपी अमृत से प्यास बुझा लेना चाहिए। समय किसी का दोस्त नहीं है। हम दिन रात प्रार्थना करके ईश्वर को भी माना सकते है, मगर समय को नहीं। समय किसी के आदेश से नहीं चलता है। समय का कोई मालिक नहीं है। समय को काबू में नहीं किया जा सकता है।