बढ़ती जिसांख्यय िे अिेक प्रकयर की समस्ययओं को जन्म दियय है-
रोटी, कपडय, मकयि की कमी, बेरोजगयरी, निरक्षतय, कृ नि एवां उद्ोगों के
उत्पयििों मेंकमी आदि। हम नजतिी अनिक उन्ननत करते हैंयय
नवकयस करते हैं, जिसांख्यय उसके अिुपयत मेंबढ़ जयती है। बढ़ती
जिसांख्यय के समक्ष हमयरय नवकयस बहुत कम रह जयतय है और
नवकयस कययय दिियई िहीं िेते। बढ़ती जिसांख्यय के समक्ष सभी
सरकयरी प्रययस असफि दिियई िेते हैं। कृ नि उत्पयिि और
औद्ोनगक नवकयस बढ़ती जिसांख्यय के सयमिे िगण्य नसद्ध हो रहे हैं। इि सभी बयतों को
ध्ययि मेंरिते हुए जिसांख्यय वृनद्ध पर नियत्रांण की अनत आवश्यकतय है। इसके नबिय नवकयस
के निए दकए गए सभी प्रकयर के प्रयत्न अिूरे रह जयएँगे।
pls read and answer questions given below :-
1. बढ़ती जिसांख्यय सेदकसमेंकमी आई है?
2.जिसांख्यय बढ़िे सेदकि चीजों मेंबढ़ोत्तरी हुई है?
3. हमयरय नवकयस कययय दिियई क्यों िहीं िेतय ह
4. बढ़ती जिसांख्यय िेदकसे जन्म दियय है?
5.बढ़ती जिसांख्यय के सयमिे कौि से प्रययस असफि दिियई िेते हैं?
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4 बढ़ती जनसंख्या के कारण रोटी कपड़ा मकान की कमी बेरोजगारी की समस्या आदि में बढ़ोतरी हुई है
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