बात सीधी थी पर एक बार भाषा के चक्कर में ज़रा टेढ़ी फँस गई .... उसे पाने की कोशिश में भाषा को उल्टा - पुल्टा तोड़ा - मरोड़ा घुमाया - फिराया कि बात या तो बने या फिर भाषा से बाहर आए - लेकिन इससे भाषा के साथ - साथ बात और भी पेचीदा होती चली गई !
क . - कवि व कविता का नाम बताएँ !
ख - कवि ने अपनी बात के बारे में क्या कहा है ?
ग . - कवि ने अपनी बात के लक्ष्य को पाने के लिए क्या - क्या किया ?
घ . - कवि अपने लक्ष्य को क्यों नहीं प सका ?
ङ . - बात पेचीदा क्यों होती चली गई ?
3.बच्चे क्या कर रहे होंगे ?
4.चिड़ियों के परों में चंचलता कब आ जाती है ?
5.दिन किस प्रकार ढलता है तथा दिन के ढलने की क्रिया क्या शिक्षा देती है ?
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