Hindi, asked by rajneeshom29006, 2 months ago

बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेई।
जो बनि आवै सहज में, ताही में चित्त देई।
ताही में चित्त देई, बात जोई बनि आवै।
दुर्जन हँसे न कोई, चित्त में खेद न पावै।
कह गिरिधर कविराय; यहै करु मन परतीती।
आगे को सुख समुझि, होई बीती सो बीती।।
-कवि गिरिधर​

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Answered by sakshiphadke8
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Answer:



बीती ताहि बिसारि दे / गिरिधर

गिरिधर »

बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेइ।

जो बनि आवै सहज में, ताही में चित देइ॥

ताही में चित देइ, बात जोई बनि आवै।

दुर्जन हंसे न कोइ, चित्त मैं खता न पावै॥

कह 'गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती।

आगे को सुख समुझि, होइ बीती सो बीती॥

श्रेणी:

कुण्डलियाँ

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