बेटȣ धरती पर उिजयारा कै से करेगी ?
Answers
बेटी धरती पर उजियारा कैसे करेगी ?
बेटी पढ़-लिखकर योग्य बन कर धरती पर उजियारा करेगी।
जिस तरह आकाश में चाँद चमकता है, बेटी उसी तरह चमकना चाहती है। वह पढ़-लिखकर कुछ योग्य बन कर अपने पैरों पर खड़ी होकर समर्थ बनना चाहती है और अपनी बुद्धि का विकास करके, लोगों के व्यवहारों को देख कर दुनिया को समझना चाहती है। वह अपने गुणों से दुनिया में उजियारा करना चाहती है।
बेटी तारा बनना चाहती है, चाँद की तरह चमकना चाहती है, तितली बन कर हवा में घूमना चाहती है। वह दुनिया रूपी बगीचे में फूल की तरह खेलना चाहती है, और अपने चाँद की चमककर अपने गुणों की चाँदनी से धरती पर उजियारा करना चाहती है।
बेटी धरती पर उजियारा कैसे करेगी ?
बेटी पढ़-लिखकर योग्य बन कर धरती पर उजियारा करेगी।
जिस तरह आकाश में चाँद चमकता है, बेटी उसी तरह चमकना चाहती है। वह पढ़-लिखकर कुछ योग्य बन कर अपने पैरों पर खड़ी होकर समर्थ बनना चाहती है और अपनी बुद्धि का विकास करके, लोगों के व्यवहारों को देख कर दुनिया को समझना चाहती है। वह अपने गुणों से दुनिया में उजियारा करना चाहती है।
बेटी तारा बनना चाहती है, चाँद की तरह चमकना चाहती है, तितली बन कर हवा में घूमना चाहती है। वह दुनिया रूपी बगीचे में फूल की तरह खेलना चाहती है, और अपने चाँद की चमककर अपने गुणों की चाँदनी से धरती पर उजियारा करना चाहती है।