Hindi, asked by jennaferns1123, 1 day ago

'बीती विभावरी जाग री! 'कविता का संदेश अपने शब्दों में लिखिए

Answers

Answered by littleprincess26
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Explanation:

छोटी बेर, बड़ी बेर या आँवले के प्रमाण की गाँठें (गंड) गले में हो जाती हैं जो माला का रूप धारण कर लेती है उन्हें गंडमाला कहते हैं। परंतु यह क्षेय है और इसका स्थान केवल ग्रीवा प्रदेश ही नहीं है अपितु शरीर के अन्य भागों में भी, जैसे कक्ष, वक्ष आदि स्थानों में ग्रंथियों के साथ ही इसका प्रादुर्भाव या विकास हो सकता है। गाँठों की शृंखला या माला होने के कारण इसे गंडमाला कहते हैं। ज्ञातव्य है कि मामूली प्रतिश्याय (जुकाम), व्रण इत्यादि कारणों से भी ये ग्रंथियाँ विकृत होकर बढ़ जाती हैं परंतु माला नहीं बन पाती हैं अत: इनका अंतर्भाव इसमें नहीं होता।

Answered by jureshamujawer
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Answer:

इन पंक्तियों मे प्रकृती का मानवीकरण किया गया है अर्थात प्रकृती को मानव के रूप मे जे वार करता दिखाया गया है उदाहरण के लिए बोर के समय उषा के उदय और तारो के छीपणेका वर्णन करने के लिए उषा को एक स्त्री माना गया है जो आकाश रुपी पनघट मे तारो के घडे डूबोती जा रही है

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