बढ़ते वाहन: घटता जीवन- धन शीषक
पर एक अनुछेद लिखिए। hindi mai
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Explanation:
बढ़ते वाहनों का कुप्रभाव– यांत्रिक वाहनों के संचालन में पेट्रोल डीजल का उपयोग होता हैं. इससे वाहनों द्वारा विषैली कार्बन गैस छोड़ी जाती हैं. जिससे ह्रदय रोग, दमा रोग, मस्तिष्क रोग, चरम रोग, तपेदिक, कैंसर आदि घातक रोग फ़ैल रहे हैं. इससे आम जनता की स्वास्थ्य हानि हो रही हैं.
उनका जीवन काल घट रहा हैं. वाहनों की वृद्धि से सड़कों पर भीडभाड रहती हैं. अनेक भयावह दुर्घटनाएं घटित होती हैं. और जिंदगी अशांत लगती हैं. पेट्रोल डीजल की अधिक खपत से मूल्य वृद्धि हो रही हैं. जिसका असर सभी पर पड़ता हैं. अब ऋण लेकर वाहन खरीदने की भौतिकतावादी प्रवृत्ति बढ़ रही हैं, जिससे ऋणग्रस्तता एवं मुद्रास्फीति देखने को मिल रही हैं. इस तरह बढ़ते वाहनों से लाभ के साथ ही हानि भी हो रही हैं और इनके कुप्रभाव से जीवन धन क्षीण हो रहा हैं.
उपसंहार– यांत्रिक वाहनों का विकास भले ही मानव सभ्यता की प्रगति अथवा देशों के औद्योगिक विकास का परिचायक हैं, तथापि वर्तमान वाहनों की असीमित वृद्धि से मानव जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा हैं. जयपुर जैसे महानगरों में तो कई मार्ग ऐसे हैं जिन पर चलने से जीवन हानि का भय बना रहता हैं. अतएवं वाहनों की वृद्धि उसी अनुपात में अपेक्षित है जिससे मानव के स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े तथा यांत्रिक प्रगति भी बाधित न हो.