बूंद बूंद से घट भरे kavita पर निबंध
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Explanation:
यह कहावत हमेशा जेहन में रखं कि बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, नदियों से सागर बनता है। आप भी बहुत कुछ अपनी समझदारी से बचा सकती हैं।
महीने का आखिर...और तंगहाली की शिकायत, जिसे दुरूस्त करना जरूरी है। आमदनी अच्छी-खासी है, लेकिन पैसा समाप्त हो जाता है, जबकि बहुत से काम और अगली आमदनी के कई दिन बाकी रहते हैं। यह जेब मेे छेद होने से ही नहीं, आपकी गलत आदतों का भी परिणाम होता है। जानिए बचत के कुछ टिप्स ...
-घर के खाने की होड़ नहीं। अगर बार-बार बाहर खाने की आपकी आदत हो तो कोशिश करके उससे बचें। बाहर का खाना जहां महंगा होता है, वहीं नुकसानदेह भी। आपका बजट अकसर इससे भी गड़बड़ाता है।
-हर रोज देर होने पर ऑटो या टैक्सी पकड़ने के स्थान पर बस से आने-जाने की आदत डालें।
-आजकल ज्यादातर ऑफिसों में कर्मचारियों के लिए डिस्पेंसì
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