बंद है,
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अव्यय : समुच्चयबोधक
तथा
सोचिए और लिखिए
1.
(पाठ्यपुस्तक पर आधारित)
नमस्कार करके बैठ गया।
ऐसा बाँका घोड़ा उसकी आँखों से कभी न गुजरा था।
मेरा दिल टूट जाएगा।
कहीं लोग दीन-दुखियों पर विश्वास करना न छोड़ दें।
प्रदीप
भुवन।
दुविधा एकाग्रता को नष्ट कर
तो कलिंग के द्वार के फाटक खुल जाएँगे
मगध की सेना ही
देती है।
छ) कल
वापस चली जाएगी।
(ज) उनका कहना था
अपने शत्रु को भी कभी प्राण दंड न देना।
मेरे हाथ का छुआ पानी नहीं पिया।
निम्नलिखित वाक्यों के रिक्त स्थानों में उपयुक्त समुच्चयबोधक भरिए :
(क) एक दिन वह दोपहर के समय बाबा भारत के पास पहुंचा
(ख) उसने सहस्रों घोड़े देखे थे
(ग) उसे अस्वीकार न करना
(घ) उन्हें केवल यह ख्याल था
(ङ) मेरे पड़ोस में दो बच्चे रहते हैं
(च) आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन है-दुविधा
(झ) लोगों ने मेरे सामने सिर झुकाया
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nkr hi Dr James yessngcv
Explanation:
yesssss
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