बुंदेली भाषा के विकास क्रम पर प्रकाश डालिए 250 अधिक सब्दो में
Answers
Answer:
here is your answer..
Explanation:
बुंदेली भारत के एक विशेष क्षेत्र बुन्देलखण्ड में बोली जाती है। यह कहना बहुत कठिन है कि बुंदेली कितनी पुरानी बोली हैं लेकिन ठेठ बुंदेली के शब्द अनूठे हैं जो सादियों से आज तक प्रयोग में आ रहे हैं। बुंदेलखंडी के ढेरों शब्दों के अर्थ बंग्ला तथा मैथिली बोलने वाले आसानी से बता सकते हैं।
प्राचीन काल में बुंदेली में शासकीय पत्र व्यवहार, संदेश, बीजक, राजपत्र, मैत्री संधियों के अभिलेख प्रचुर मात्रा में मिलते है। कहा तो यह भी जाता है कि औरंगजेब और शिवाजी भी क्षेत्र के हिंदू राजाओं से बुंदेली में ही पत्र व्यवहार करते थे। एक-एक क्षण के लिए अलग-अलग शब्द हैं। गीतो में प्रकृति के वर्णन के लिए, अकेली संध्या के लिए बुंदेली में इक्कीस शब्द हैं। बुंदेली में वैविध्य है, इसमें बांदा का अक्खड़पन है और नरसिंहपुर की मधुरता भी है।
भारत मे आर्यों कि भाषा वैदिक संस्कृत थी । वैदिक संस्कृत में वैदों की रचना हुई और इसे देवनागरी भी कहां जाता है । इस भाषा का उच्चारण जब सामान्य जन के लिये संभव न हुआ तो उच्चारण अशुद्धि के कारण प्राकृत भाषा का जन्म हुआ ।
वैदिक संस्कृत का व्याकरण सम्मत रूप कहलाया । संस्कृत का अर्थ है – सुधारा हुआ । संस्कृत में प्रसिद व्याकरण पाणिनी द्धारा रचित अष्ठाध्यायी है । वैदिक काल की प्राकृत बदल कर दूसरी प्राकृत के रूप में पाली भाषा कहलायी जिसमे बाद में चलकर बौद्ध र्धम का प्रचार हुआ ।
कालान्तर में इस दूसरी प्राकृत में भी परिवर्तन हुआ और इससें अपभ्रंश का अर्थ है बिगडा हुआ । इस अपभ्रंश से आगे चलकर पूर्वी हिन्दी और पश्चिमी हिन्दी का विकास हुआ और इन्ही रूपों से हिन्दी का जन्म हुआ इस बात से पता चलता है कि वैदों के समय से आजतक भारत में समय के अनुसार भाषा की कितनी दृष्टि से अनेक परिवर्तन हुए आधुनिक उतरी भारत की सभी भाषाएं वैदिक संस्कृत से निकली है वेदों की रचना के संबंध में कोई निश्चित तिथि निर्धारित नहीं की जा सकती है तथापि विद्धान इस बात पर एक मत हैं कि आज से पांच हजार वर्ष् पूर्व वेदों की रचना अवश्य हो चुकी थी । इन पांच हजार वर्षों में भी अनेक परिवर्तन हुए ।
mark it as brainliest answer
Answer:
बुंदेली भाषा बुंदेलखंड में बोली जाने वाली भाषा है। बुंदेली मध्य प्रदेश की भाषा है। बुंदेली भाषा का व्याकरण लोगों की भाषा की हर आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम है। बुंदेली भाषा बोली जाने वाली और लिखित और समझने योग्य है। यह भाषा समाज के सभी प्रकार के विकास के लिए एक महान हथियार है और यह इसके ऐतिहासिक विकास की एक बड़ी सफलता भी है।
Explanation:
बुंदेली भारत के एक विशेष क्षेत्र बुंदेलखंड में बोली जाती है। बुंदेलखंडी के कई शब्दों का अर्थ बंगाली और मैथिली भाषी आसानी से बता सकते हैं।
प्राचीन काल में बुंदेली में आधिकारिक पत्राचार, संदेश, चालान, गजट, मैत्री संधियों के अभिलेख बहुतायत में पाए जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि औरंगजेब और शिवाजी भी बुंदेली में ही क्षेत्र के हिंदू राजाओं के साथ पत्र व्यवहार करते थे। हर पल के लिए अलग-अलग शब्द हैं। गीतों में प्रकृति का वर्णन करने के लिए बुंदेली में केवल संध्या के लिए इक्कीस शब्द हैं। बुंदेली में वैरायटी है, इसमें बांदा का लहंगा भी है और नरसिंहपुर की मिठास भी। बुंदेली भाषा में ध्वनि में स्वर और व्यंजन होते हैं। बुंदेली भाषा में ध्वनि में स्वर हिंदी साहित्य से भिन्न हैं। बुंदेली भाषा झांसी, जालौन, हमीरपुर, ग्वालियर, ओरछा, सागर, नरसिंहपुर, सिवनी और होशंगाबाद में बोली जाती है।
#SPJ2