बुंदेलखंड के प्रमुख
लोक चित्र कौन-कौन से हैं
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बुंदेलखंड के प्रमुख लोक चित्र कौन-कौन से हैं?
बुंदेलखंड की प्रसिद्ध लोक चित्रकला इस प्रकार है :
सुरैती : सुरैती बुंदेलखंड की एक पारंपरिक लोक चित्रकला है। इस चित्रकला को दीवार पर लक्ष्मी पूजन के समय महिलाओं द्वारा बनाया जाता है। यह बुंदेलखंड की महिलाओं की कल्पनाशीलता की निशानी है। इस कला में दीवार पर देवी लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु की आकृतियां बनाई जाती हैं। सभी आकृतियों का रेखांकन गेरु से किया जाता है। यह बुंदेलखंड की एक प्रसिद्ध लोक चित्रकला है।
मोरते : मोरते विवाह बुंदेलखंड का भित्ति लेखांकन है, जिसे दरवाजे के दोनों तरफ की दीवार पर बनाया जाता है। यह विवाह के समय किए जाने वाली पारंपरिक कला है। इस जगह पर दूल्हा-दुल्हन हल्दी से छाप लगाते हैं।
नौरता : नौरता नवरात्रि के समय कुंवारी कन्याओं द्वारा बनाई जाने वाली लोक चित्रकला है, जो गेरु आदि से बनाई जाती है। यह भी बुंदेलखंड की एक प्रसिद्ध लोक चित्रकला है।
गोवर्धन : गोवर्धन गोबर से बनाई जाने वाली लोक कला है। जिसको दिवाली के दूसरे दिन और भाई दूज से पहले गोबर से बनाया जाता है। इसमें गोबर से तरह-तरह की आकृतियां घर के आंगन में बनाई जाती हैं।
मोरइला : मोरइला मोर के चित्र से बनाई जाने वाली कला है, इसे मोर-मुरैला भी कहते हैं। इसे बनाने के लिए दीवार को छुई मिट्टी से पोता जाता है, फिर सूख जाने पर उस गीली मिट्टी से मोर की विभिन्न आकृतियां बनाई जाती हैं। फिर उन्हें गेरू आदि सहायता से रंगा जाता है।