बूंद ने समुद्र के बारे में क्या-क्या नया जाना?
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बूँद सोचती थी कि समुद्र में केवल पानी-ही-पानी है परंतु वहाँ पहुँचकर बूँद ने जाना कि समुद्र में बहुत से अन्य जीव-जंतु हैं| वहाँ उनकी अपनी दुनिया है| इसके अलावा समुद्र के पानी में निरा नमक भरा हुआ है| समुद्र में बूँद ने अपने भाई-बांधव, धीरे-धीरे रेंगने वाले जीव, जालीदार मछलियाँ, कई-कई मन भारी कछुए, हाथों वाली मछलियाँ, प्रकाश देने वाली मछली, कई घाटियाँ, पहाड़ियाँ, छोटे ठिंगने, मोटे पत्तों वाले पेड़ व नाना प्रकार के निपट अंधे व महा-आलसी जीव देखने का आनंद प्राप्त किया|
लेखक रामचंद्र तिवारी इस लेख में ओस की बूँद को ज़रिया बनाया है कि किस तरह से पानी का रूप होता है? उसकी किस तरह से रचना होती है? उनमें कौन-कौन से तत्व शामिल होते हैं? यही सब पाठ में बताया गया है। पानी के जीवन का एक चक्र होता है। समुद्र का पानी सूर्य की किरणों से गर्म होकर भाप बनता है। और भाप बादल बन जाता है। यही सब क्रिया के बारे में आप विज्ञान के अध्यायों में पढ़ते हैं कि पानी के जीवन का एक चक्र होता है। किस तरह से समुद्र का पानी भाप बनकर सूर्य की गर्मी के कारण गर्म होकर भाप बन जाता है? और वाष्प बादल बन जाता है। ऊपर आसमान में जाकर काफी ऊँचाई पर पहुँच जाने पर वह बादल का रूप ले लेता है। और जब बादल बरसते है तो कुछ पानी धरती में रिस जाने के कारण उसमें चला जाता है और कुछ नदी-नालों में बह जाता है। नदियों का पानी फिर समुद्र में मिल जाता है। इस प्रकार पानी का यह चक्र चलता रहता है। किस तरह से पानी सूर्य की गर्मी के कारण वाष्प बन गया, फिर बादल बन गया, बादल के अंदर जब ज्यादा मात्रा में इकट्ठा हो जाता है तो फिर वह वर्षा बनकर धरती पर बरस पड़ता है और पानी कहाँ-कहाँ गुजरता है? कभी वह नदियों में मिल जाता है, फिर समुद्र में मिल जाता है, इस तरह से यह पानी का चक्र चलता रहता है।