बिदेसिया' लोकगीत के बारे में आप क्या जानते हैं?
Hindi Class X SCERT Telangana Ch 5
Answers
प्रस्तुत प्रश्न लोकगीत नामक प्रबंध से दिया गया हैं|यह निबंध हिंदी साहित्य के सुपरिचित रचनाकार भगवत शरण उपाध्याय हैं|इनका जन्म १९१० में हुआ|इन्होने कविता,लेखनीआदि विधानों में रचना की हैं|हिंदी साहित्य की रूप रेखा,कालिदास का भारत,गंगा,गोदावरी आदि इनके प्रसिद्ध रचनाएँ हैं|लोकगीत निबंध पाठ हैं|निबंध का अर्थ हैं बांधना| लोकगीत और हमारी जीवन विधान का अनोखा सम्बंध है|
गाने वाले समूहों में गाते हुये देहांत फिरते हैं|भोजपुरी में करीब तिस चालीस बरसों से विदेशिया का प्रचार हुआ |विशेषकर बिहार के जिलोमे इस से बढकर कोई दुसरे गाने लोकप्रिय नहीं हैं|इन गीतों में अधिकतर प्रेमि की,प्रेमिकाओं की बात रहती हैं|इन गीतों से करुना,विरह का रस बहता हैं|
Answer:
भोजपुरी में करीब तीस-चालीस बरसों से ‘बिदेसिया’ का प्रचार हुआ है। गाने वालों के अनेक समूह इन्हें गाते हुए देहात में फिरते हैं। उधर के जिलों में विशेषकर बिहार में बिदेसिया से बढ़कर दूसरे गाने लोकप्रिय नहीं हैं। इन गीतों में अधिकतर रसिकप्रियों और प्रियाओं की बात रहती है, परदेशी प्रेमी की और इनमें करुणा और विरह का रस बरसता है। जंगल की जातियों आदि के भी दलगीत होते हैं जो अधिकतर बिरहा आदि में गाए जाते हैं। पुरुष एक ओर और स्त्रियाँ दूसरी ओर एक-दूसरे के जवाब के रूप में दल बाँधकर गाते हैं और दिशाएँ गुंजा देते हैं। पर इधर कुछ काल से इस प्रकार के दलीय गायन का ह्रास हुआ है? एक-दूसरे प्रकार के बड़े लोकप्रिय गाने आल्हा के हैं ? अधिकतर से बुंदेलखंडी में गाए जाते हैं। आरंभ तो इसका चंदेल राजाओं के राजकवि जगनिक से माना जाता है जिसने आल्हा-ऊदल की वीरता का अपने महाकाव्य में बखान किया।