बुद्धि बड़ी या बल इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
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जिसमें जितना अधिक बुद्धि-तत्व है, वह उतना ही सफल व्यक्ति बन जाता है।
एक कहावत है कि अक्ल बड़ी या भैंस? निश्चय ही शारीरिक बल से बुद्धिबल बड़ा होता है। हर व्यक्ति विद्या व बुद्धि की शक्ति से संपन्न नहीं होता, किन्हीं बिरलों को ही यह ज्ञान-संपदा मिलती है। ऐसे लोग जिन्हें विशिष्ट बुद्धिबल प्राप्त है, वे दूरदर्शी हुआ करते हैं। जिन्होंने विस्तृत अध्ययन किया हुआ है।
वही असाधारण कार्य करने की क्षमता रखते हैं। इसके विपरीत जिन्हें कम बुद्धिबल प्राप्त है, वे छोटी-छोटी अड़चनों से ही घबरा जाते हैं और कभी-कभी अपने प्राण तक गंवा बैठते हैं। आए दिन तरह तरह के दुख भोगा करते हैं। अगर एक विशेष पहलू से देखें, तो मनुष्य अन्य जीव-जंतुओं की तुलना में पिछड़ा हुआ है। जैसे पक्षियों की तरह वह आकाश में उड़ नहीं सकता, कछुओं और मछलियों की तरह जल में किल्लोल नहीं कर सकता। हिरन और घोड़े की तरह दौड़ नहीं सकता, हाथी के बराबर बोझ नहीं ले जा सकता, सिंह जैसा बलवान नहीं है, उल्लू व चमगादड़ की तरह रात्रि में देख नहीं सकता।
इतना निर्बल व पिछड़ा होते हुए भी वह अन्य समस्त जीव-जंतुओं से अधिक ताकतवर है। वह सृष्टिकर्ता विधाता की अनुपम रचना है।
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जिसमें जितना अधिक बुद्धि-तत्व है, वह उतना ही सफल व्यक्ति बन जाता है। एक कहावत है कि अक्ल बड़ी या भैंस? निश्चय ही शारीरिक बल से बुद्धिबल बड़ा होता है। हर व्यक्ति विद्या व बुद्धि की शक्ति से संपन्न नहीं होता, किन्हीं बिरलों को ही यह ज्ञान-संपदा मिलती है।