बुद्धिजीवी वर्ण विच्छेद
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वर्ण-विच्छेद की परिभाषा
वर्ण-विच्छेद यानी वर्णों को अलग-अलग करना। किसी शब्द (वर्णों के सार्थक समूह) को अलग-अलग लिखने की प्रक्रिया को वर्ण-विच्छेद कहते हैं।
सबसे पहले यह जान लेना आवश्यक है कि वर्ण कितने प्रकार के होते हैं?
वर्ण दो तरह के होते हैं –
1) स्वर
2) व्यञ्जन
इसका अर्थ यह हुआ कि वर्ण-विच्छेद में हमें शब्दों को जो की वर्णों का समूह हैं, अलग-अलग करना है।
दूसरे शब्दों में – स्वर या व्यञ्जन को अलग-अलग करना वर्ण-विच्छेद है। इसके लिए हमें स्वरों की मात्राओं (स्वर चिह्न) की जानकारी होना बहुत आवश्यक हो जाता है। स्वरों की मात्राएँ इस प्रकार हैं –
वर्ण-विच्छेद करते समय हमें स्वरों की मात्राओं को पहचानना पड़ता है और उस मात्रा के स्थान पर उस स्वर (अ, आ, इ, ई आदि) को प्रयोग में लाया जाता है जिसकी वह मात्रा होती है।
उदाहरण – निधि शब्द का मात्रा विच्छेद होगा – न् + ि + ध् + ि
निधि शब्द का वर्ण विच्छेद होगा – न् + इ + ध् + इ
कुमार शब्द का मात्रा विच्छेद करने पर – क् + ु + म् + ा + र् + अ प्राप्त होता है और जब इसी शब्द का वर्ण-विच्छेद किया जाए तो क् + उ + म् + आ + र् + अ प्राप्त होता है।
स्वर मात्रा (स्वर चिह्न) उदाहरण
अ इसकी कोई मात्रा नहीं होती। अनार , अजगर , अचकन , गरम
आ ा आम , काम , नाम , कार , नाक
इ ि इमली , किला , किशमिश , किसान, किताब
ई ी लकड़ी , बकरी, लड़की, पीता
उ ु पुल, सुन, झुमका, तुम, चुहिया
ऊ ू फूल , मूली , फूलदान , सूरज , दूध
ऋ ृ ऋषि , अमृत , पृथ्वी , मृग , वृत्त
ए े देश , केला , शेर , तबेला , पेड़ , ठेला
ऐ ै पैसा , वैसा , पैदल , तैयार , मैदान
ओ ो लोटा , मोटा , छोटा , टोपी , गोल , मोर
औ ौ मौत , मौजूद , मौसम , मौन ,