"बुद्धि: महत्ता / परिश्रम महत्ता" विषय पर कोई दो श्लोक लिखिए* in sanskrit
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उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः !
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः !!
Explanation:
हिन्दी अर्थ : दुनिया में कोई भी काम सिर्फ सोचने से पूरा नहीं होता बल्कि कठिन परिश्रम से पूरा होता है. कभी भी सोते हुए शेर के मुँह में हिरण खुद नहीं आता.
2) विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम् !
पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम् !!
हिन्दी अर्थ : विद्या हमें विनम्रता प्रदान करती है, विनम्रता से योग्यता आती है व योग्यता से हमें धन प्राप्त होता है और इस धन से हम धर्म के कार्य करते है और सुखी रहते है.
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