बौद्ध शिक्षा प्रणाली और जैन शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर है
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Explanation:
बौद्ध धर्म की शिक्षा गौतम बुद्ध द्वारा दी गयी जबकि जैन धर्म की शिक्षा महावीर जी द्वारा दी गयी.
# बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है.
# बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों बहुदेववादी धर्म हैं लेकिन बौद्ध धर्म का उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना है जबकि जैन धर्म का उद्देश्य आत्मा की मुक्ति है.
# बौद्ध धर्म किसी के द्वारा भी धारण किया जा सकता है जबकि जैन धर्म श्रमणों का धर्म माना जाता है.
# बौद्ध धर्म वाले आराधना के लिए बौद्ध मठ, मंदिर आदि जाते है जबकि जैन धर्म वाले केवल मंदिर जाते हैं आराधना के लिए.
# बौद्ध धर्म का उद्देश्य ज्ञान को पाना है जबकि जैन धर्म का उद्देश्य अहिंसा, आत्मा को शुद्ध करना और खुद पे विजय प्राप्त करना है.
# बौद्ध धर्म में ध्यान लगाना सिखाया जाता है जबकि जैन धर्म में अहिंसा, चोरी न करना, किसी से संबंध अधिक न रखना, अपने विचारों पे नियंत्रण रखना और सच को सदैव मानना सिखाया जाता है.
# बौद्ध धर्म का मूल भारतीय उपमहाद्वीप है और जैन धर्म का भारत.
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Explanation:
बौद्ध धर्म की स्थापना भगवान बुद्ध ने की जो अब एक बड़े धर्म के रूप में जाना जाता है. भगवान बुद्ध ने अपने धर्म में ईश्वर से अधिक महत्व मनुष्य को दिया. भगवान बुद्ध ने अपने धर्म में अहिंसा का ज्ञान दिया है और साथ ही सामाजिक, बौद्धिक, आर्थिक, राजनैतिक स्वतंत्रता एवं समानता की शिक्षा भी दी. उनका कहना था कि मेरे वचन सुन के केवल उन्हें न माने। जब आपको लगे कि मेरे वचन आपके योग्य हैं और मेरा कथन ठीक हैं तब ही उन्हें फॉलो करे.
बौद्ध धर्म में सभी वास्तविक चीजों का ज्ञान दिया गया है और किसी भी ऐसी चीज का ज्ञान इसमें नहीं है जो वास्विकता में महसूस या देखि न जा सके. बुद्ध धर्म में स्वर्ग का कोई महत्व नहीं बताया भगवान बुद्ध ने क्यूंकि वो इसी धरती पर इसी जीवन में मुक्ति पर विस्वास करते हैं. कुछ ऐसे ही कारणों से भीम राव अम्बेडकर ने भी बौद्ध धर्म को माना था. क्यूंकि वो वास्तिविकता, आधुनिक विज्ञानं को अधिक महत्व देते थे.
बौद्ध धर्म में आधुनिक विज्ञानं से जुडी चीजों का वर्णन किया गया है और यदि बौद्ध धर्म की कोई भी टिप्पणी आधुनिक विज्ञान से मेल न खाये तो उस टिप्पणी को आप अस्वीकार कर सकते हैं. जो किऔर किसी धर्म में सम्भव नहीं..
जैन धर्म के सिद्धांत और पूजा पद्धति और संस्कृति के बारे में बच्चों को बताया गया। बच्चों को सत्य अहिंसा का पाठ भी पढ़ाया गया। बच्चों से जैन धर्म के संस्कार अपनाकर जीवन को उन्नत बनाने का आह्वान किया। सिविल लाइंस स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में सोमवार से बच्चों को संस्कार देने के लिए शिविर लगाया। राजेंद्र कुमार प्रेम कुमारी शिक्षण संस्थान की ओर से लगे शिविर का शुभारंभ डा. ज्ञानेंद्र जैन से अन्य साथियों के साथ पूजा अर्चना कर किया। इसके बाद बच्चों को जैन धर्म संबंधी पूजा पद्धति की जानकारी दी गई। बच्चों को सत्य, अहिंसा और परिग्रह के बारे में बताया। शिविर के पहले दिन दिनेश चंद्र सेठी, डा. शीनू जैन का सराहनीय सहयोग रहा। विनिता जैन, देशराज जैन, सुमनलता जैन, सर्वेश जैन, भारत भूषण जैन, राजीव जैन, राहुल जैन, रचित जैन, सम्यक, हरीश जैन आदि मौजूद रहे।