History, asked by harshikaharshika377, 10 hours ago

बौद्ध धर्म के 4 महान सत्य क्या है​

Answers

Answered by drina7484
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Answer:

बुनियादी मनोभाव

चार आर्य सत्य ·

आर्य अष्टांग मार्ग ·

निर्वाण · त्रिरत्न · पँचशील

अहम व्यक्ति

गौतम बुद्ध · बोधिसत्व

क्षेत्रानुसार बौद्ध धर्म

दक्षिण-पूर्वी बौद्ध धर्म

· चीनी बौद्ध धर्म

· तिब्बती बौद्ध धर्म ·

पश्चिमी बौद्ध धर्म

बौद्ध साम्प्रदाय

थेरावाद · महायान

· वज्रयान

बौद्ध साहित्य

त्रिपतक · पाळी ग्रंथ संग्रह

· विनय

· पाऴि सूत्र · महायान सूत्र

· अभिधर्म · बौद्ध तंत्र

आर्यसत्य चार हैं-

(1) दुःख : संसार में दुःख है,

(2) समुदय : दुःख के कारण हैं,

(3) निरोध : दुःख के निवारण हैं,

(4) मार्ग : निवारण के लिये अष्टांगिक मार्ग हैं।

प्राणी जन्म भर विभिन्न दु:खों की शृंखला में पड़ा रहता है, यह दु:ख आर्यसत्य है। संसार के विषयों के प्रति जो तृष्णा है वही समुदय आर्यसत्य है। जो प्राणी तृष्णा के साथ मरता है, वह उसकी प्रेरणा से फिर भी जन्म ग्रहण करता है। इसलिए तृष्णा की समुदय आर्यसत्य कहते हैं। तृष्णा का अशेष प्रहाण कर देना निरोध आर्यसत्य है। तृष्णा के न रहने से न तो संसार की वस्तुओं के कारण कोई दु:ख होता है और न मरणोंपरांत उसका पुनर्जन्म होता है। बुझ गए प्रदीप की तरह उसका निर्वाण हो जाता है। और, इस निरोध की प्राप्ति का मार्ग आर्यसत्य - आष्टांगिक मार्ग है। इसके आठ अंग हैं-सम्यक् दृष्टि, सम्यक् संकल्प, सम्यक् वचन, सम्यक् कर्म, सम्यक् आजीविका, सम्यक् व्यायाम, सम्यक् स्मृति और सम्यक् समाधि। इस आर्यमार्ग को सिद्ध कर वह मुक्त हो जाता है।

बाहरी कड़ियाँ

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