बौद्ध धर्म के पतन के कारण क्या थे कोई 6 बिंदुओं का उल्लेख कीजिए
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- बौद्ध धर्म का पतन शुरू हुआ गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के पश्च्यात। बौद्ध मृत्यु पश्च्यात चौथी धर्म संगति में जो कि सम्राट कनिष्क के शासन में हुई तब बौद्ध धर्म दो सम्प्रदाय में बंट गया।
- सम्प्रदाय में बटतेही भ्रष्टाचार एवं कुनीति आरंभ और भ्रष्ट भिक्खू संघ के चलते लोगों में असंतोष जागा और लोगों का धर्म के प्रति विश्वास बिखरता गया।
- भ्रष्टाचार के साथ ही धर्म में कर्मकांड एवं तंत्रविद्या का समावेश धर्म में हुआ। इसी के चलते महात्मा गौतम बुद्ध के जीवन पर हजारों व्यर्थ संभ्रम पैदा करने वाली कहानियों का उदय हुआ और लोगोंकी धर्म के प्रति श्रद्धा और विश्वास को इससे ठेंस पोहुंची।
- बौद्ध धर्म के सिखाए पथ पर ध्यान देते हुए हिन्दू धर्म ने वेदों और पुराणों का सुधार कर बुद्ध का अनुयायी बना हुआ पर महात्मा बुध्द के मृत्यु पश्चात धर्म से विश्वास उठा हुए समाज को अपनी और आकर्षित करने लगा।
- बौद्ध धर्म के नास्तिकवाद पर विश्वास न रखने वाले एवं वैदिक धर्म के कट्टर समर्थकों द्वारा किया गया हिन्दू धर्म का प्रसार भी बौद्ध धर्म के पतन का कारण बना।
- इराण तथा बाहरी राज्यों के आक्रमणोंसे भारत पर बाहरी सत्ता और शासन शुरू हुआ। शासन के साथ ही इस्लाम धर्म का प्रसार और बौद्ध धर्म के वास्तु का विनाश यह भी बौद्ध धर्म के विनाश के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
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