बौद्ध धर्म के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों का सावधानीपूर्वक जमायन कीजिए
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भगवान बुद्ध के अनुसार धम्म जीवन की पवित्रता बनाए रखना और तथ्य-ज्ञान में पूर्णता प्राप्त करना है,साथ ही निर्वाण प्राप्त करना और तृष्णा का त्याग करना है। इसके अलावा भगवान बुद्ध ने सभी संस्कार को अनित्य बताया है। भगवान बुद्ध ने मानव के कर्म को नैतिक संस्थान का आधार बताया है। यानी भगवान बुद्ध के अनुसार धम्म यानी धर्म वही है। जो सबके लिए ज्ञान के द्वार खोल दे। और उन्होने ये भी बताया कि केवल विद्वान होना ही पर्याप्त नहीं है। विद्वान वही है जो अपने की ज्ञान की रोशनी से सबको रोशन करे। धर्म को लोगों की जिंदगी से जोड़ते हुए भगवान बुद्ध ने बताया कि करूणा शील और मैत्री अनिवार्य है। इसके अलावा सामाजिक भेद भाव मिटाने के लिए भी भगवान बुद्ध ने प्रयास करते हुए बताया था कि लोगों का मुल्यांकन जन्म के आधार पर नहीं कर्म के आधार पर होना चाहिए।
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