बादल, गरजा!-
घेर घेर घोर गगन, धाराधर
धाराधर ओ!
ललित ललित
काल धुंघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र
छिपा,
कविता
फिर भर दो-
नूतन
बादल, गरजा!
Answers
Answered by
5
Answer:
कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने' के लिए कहा है; क्योंकि 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है। ... बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।
Similar questions