बादलों की गर्जना का आह्वान कवि क्यो करना चाहता है उत्साह कविता के आधार पर लिखिए
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कवि बादलों से गरजने का आह्वान करता है। कवि का कहना है कि बादलों की रचना में एक नवीनता है। काले-काले घुंघराले बादलों का अनगढ़ रूप ऐसे लगता है जैसे उनमें किसी बालक की कल्पना समाई हुई हो। ... इसलिए कवि बादलों से कहता है कि वे किसी नई कविता की रचना कर दें और उस रचना से सबको भर दें।
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Answer:
बादलों का कोलाहल क्रांतिकारी आवाज को भरने के लिए होता है। कविता के माध्यम से, टकसाल क्रांति की आवश्यकता को दर्शाता है। छाया क्रांति के प्रतीक हैं। यह क्रान्ति-ऐसे ही पल से प्यासे प्यासे लोगों की पीड़ा पूरी होगी और दूसरी तरफ पल नई कल्पना और नए अंकुर पैदा करेगा।
Explanation:
जब काले और घने बादल आकाश को ढँक लेते हैं; तो ऐसा लगता है जैसे परछाईयों ने आसमान के खिलाफ बगावत कर दी हो। ठंडी सांस समाप्त हो रही है
उन अँधेरी परछाइयों से फिर परछाइयों की गड़गड़ाहट की याद दिला रही है।
जैसे कि बारिश से पहले एक छोटे बच्चे की तरह पृथ्वी के साथ मातम विलाप कर रहा है, जल्द ही उस पर बारिश होने वाली है। तब मिनस्ट्रेल ने एक बच्चे के रोने और रोने के साथ ताल की गर्जना की तुलना की है। जैसे बालक किसी भी बात से प्रसन्न न होकर दूसरों को राजी करने के लिए गड़गड़ाहट करता है, उसी प्रकार परछाईं भी पृथ्वी पर जल के कुंड की तरह गर्जना कर अपनी आवाज सुना रही हैं।
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