बादल को घिरते देखा है कविता में चित्रित प्रकृति चित्रण व जन जीवन को चित्रण अपने शब्दों में लिखिए
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प्रश्न – कविता में चित्रित प्रकृति चित्रण एवं जन जीवन को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – प्रकृति चित्रण कविता में वर्षा ऋतु में पर्वत शिखरों पर बादलों के घिरने की शोभा का वर्णन है और ओस को मोती के समान बताया गया है। ओस कमल के फूलों पर गिरना बहुत ही मनोहारी चित्र उपस्थित कर देता है। हिमालय पर स्थित झीलों में हंसों के तैरने का दृश्य भी नयनाभिराम है। वसंत ऋतु के प्रातः कालीन सूर्य की किरणें अनोखी छटा उपस्थित करती है। कस्तूरी मृग को अपनी नाभि से उठने वाली सुगंध के पीछे पागल होते देखा जा सकता है।
जनजीवन – इस प्राकृतिक वातावरण में जन-जीवन मस्ती से परिपूर्ण होता है। किन्नर किन्नरी मृगछालाओं पर बैठकर चिंताओं से दूर मस्ती में बांसुरी बजाते रहते हैं भोज पत्तों से बनी झोपड़ी में चंदन की तिपाही पर चांदी के बने मणियों से सजे हुए सूरा पात्र रखे हुए हैं। किन्नर और किन्नरियों की वेशभूषा और साज-सज्जा बड़ी मनमोहक है।
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उत्तर – प्रकृति चित्रण कविता में वर्षा ऋतु में पर्वत शिखरों पर बादलों के घिरने की शोभा का वर्णन है और ओस को मोती के समान बताया गया है। ओस कमल के फूलों पर गिरना बहुत ही मनोहारी चित्र उपस्थित कर देता है। ... जनजीवन – इस प्राकृतिक वातावरण में जन-जीवन मस्ती से परिपूर्ण होता है।