Hindi, asked by archanarameshjha81, 6 days ago

बादलगढ़ जो गिर गिर घोर गगन धारा धरो ललित ललित काले घुंघराले बाल कल्पना के से पहले विद्युत छवि और में कवि नवजीवन वाले छिपा नूतन कविता फिर भर दो बादलगढ़ जो| प्रस्तुत काव्यांश में प्रयुक्त भाषा कौन सी है?​

Answers

Answered by vikasbarman272
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प्रस्तुत काव्यांश में प्रयुक्त भाषा संस्कृतनिष्ठ खड़ी बोली वाली है।

  • प्रस्तुत कविता ‘उत्साह’ नामक कविता की है जिसके रचयिता रचयिता सुप्रसिद्ध छायावादी कवि श्री सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं।
  • इस कविता में कवि ने बादलों को इंगित करते हुए उनका आह्वान किया है l वह बादलों को पुकारते हुए कहते हैं कि बादल तुम पीड़ित-प्यासे लोगों की आकांक्षाओं को जल्द से जल्द पूरा करो l
  • उन्होंने बादलों को नए प्रकाश के आने, अंकुर के लिए विध्वंस करने और क्रांति की चेतना को संभव करने वाला भी माना है।
  • प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने तत्सम और तद्भव रूपों का प्रयोग किया है l कविता की भाषा ओजपूर्ण युक्त और वीर रस से युक्त है।
  • काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए अलंकारों का भी प्रयोग कविता में किया गया है l

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