बंदर की बुद्धिमता कहानी
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बंदर और मगरमच्छ एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। ... बंदर पेड़ से मीठे और स्वादिष्ट फल खाता था और साथ ही अपने दोस्त मगर को भी देता था। बंदर अपने दोस्त मगर का खास ख्याल रखता और मगर भी उसे अपनी पीठ पर बैठाकर पूरे तालाब में घुमाता था
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Explanation:
एक बार बंदर और शेर में यह बहस होने लगी कि बुद्धि और बल में कौन बड़ा है। बंदर ने शेर से कहा मुझे जंगल में किसी का भी नहीं है क्योंकि मेरे पास बुद्धि है और मैं इतना बुद्धिमान हूं कि मैं किसी भी मुसीबत से बड़े आराम से निकल सकता हूं।
उतने में शेर ने जवाब दिया कि तुम्हारी बुद्धि मेरी ताकत के आगे कुछ भी नहीं है। अगर मैं चाहूं तो अपने बल से यहीं तुम्हारा काम तमाम कर सकता हूं।
उसके बाद बंदर ने कहा कि मैं तुम्हें यह साबित करके दिखाऊंगा कि बुद्धि बल से बड़ी होती है। फिर शेर ने कहा ठीक है, तो तुम मुझे कभी भी बल को अपनी बुद्धि से हराकर दिखाओ। अगर तुम ऐसा कर देते हो तो मैं समझ जाऊंगा की बुद्धि बल से बड़ी है।
कुछ दिन बीत जाने के बाद एक दिन जब शेर जंगल में भ्रमण कर रहा था तभी वह एक बड़े गड्ढे में गिरा जिससे उसके पांव में चोट लग गई। जैसे ही शेर लंगड़ाते हुए गड्ढे से बाहर निकला उतने में एक शिकारी ने शेर की तरह बंदूक तान रखी थी। शेर को समझ आ गया कि वह गड्ढा शिकारी ने किया था।
शेर के कुछ आगे सोचने से पहले ही ऊपर से बहुत सारे पत्थर शिकारी की तरफ गिरने लगे जिसमें से एक पत्थर शिकारी के सर पर आकर जोर से लगा। ये सब देख शिकारी भयभीत हो गया और घायल अवस्था में वहां से भाग गया।
शेर इससे पहले की अपने मन में कुछ और सोच पाता कि तभी बंदर ने पेड़ से शेर को आवाज लगाई क्या हुआ आपकी ताकत को आज राजा जी? आपकी ताकत आज आपके काम नहीं आई क्या?
तभी शेर ने बंदर से कहा कि तुम यहां कैसे। इतने में बंदर ने जवाब दिया कि ये शिकारी शिकार करने का विचार थोड़े दिन पहले से ही कर रहा था और मैं इस पर नजर बनाए हुए था। मुझे पता था कि यह आज आप का शिकार यहां करने आएगा। इसलिए मैंने पेड़ पर बहुत सारे पत्थर इकट्ठे कर रखे थे ताकि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके।
इसके बाद शेर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने बंदर से कहा कि तुम सही थे बुद्धि बल से बड़ी ही होती है। बल हर परिस्थिति या हर समय एक जैसा नहीं रहता जब की बुद्धि हमेशा आपके साथ आपके पास रहती है।
फिर बंदर ने भी इसी का जवाब दिया और कहा देखिए शिकारी आपसे बल में कम था लेकिन फिर भी उसने अपनी बुद्धि के कारण आप को फंसा लिया। इसी प्रकार मैं भी शिकारी से बल में कम था पर मैंने भी शिकारी को अपनी बुद्धि के कारण हरा दिया।