बंदर कहानी seअपठित गद्यांश
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Explanation:
अपठित गद्यांश
चिड़ियाघर में तरह-तरह के जानवरों को देखकर मेरे मन में अनेक सवाल उठते हैं | यह बेजुबान अपने बंधनों की कहानी किसी को बता भी नहीं सकते, न जाने कब से यहां रह रहे हैं | कभी - कभी मुझे लगता है कि उनकी आंखों से आंसू बह रहे हैं | ये सभी जीव अपनी इच्छा के अनुसार नहीं रह पाते इनके लिए जो वातावरण प्रकृति में सुखकर है, वह चिड़ियाघर में नहीं मिल पाता| इन जीवो ने हमारी धरती को सुंदर और सुखद बनाया है | शेर, चीता, भालू, बंदर, खरगोश, सांप, मगरमच्छ तथा मछलिया जल- थल की शोभा है | रंग - बिरंगे पक्षी, तितलियां, भवरे आदि से केवल शोभा ही नहीं बढ़ती, यह हम सभी के लिए उपयोगी है | हमें जीवो की रक्षा करनी चाहिए | यदि हम इन जीवों पर अत्याचार करेंगे, तो प्रकृति भी हमसे नाराज हो जाएगी |
निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-
(क) जल थल की शोभा किनसे है|
(ख) चिड़ियाघर के जानवरों को देखकर मन में क्या-क्या सवाल उठते हैं ?
(ग) इन जीवों को चिड़ियाघर में क्यों नहीं रखना चाहिए ?
(घ) ‘पक्षी’ शब्द के कोई दो पर्यायवाची शब्द लिखिए|
(ड़) ‘प्रकृति’ शब्द में प्रत्यय लिखिए|
उपरोक्त गद्यांश के संभावित उत्तर-
(क) शेर, चीता, भालू, बंदर, खरगोश, सांप, मगरमच्छ तथा मछलिया जल- थल की शोभा है |
(ख) चिड़ियाघर के जानवरों को देखकर मन में यह सवाल उठता है की ये बेजुबान जानवर अपने बंधनो की कहानी किसी को बता भी नहीं सकते एवं न जाने कब से यहाँ रह रहे होंगे |
(ग) जीवों को चिड़ियाघर में नहीं रखना चाहिए क्योकि रंग - बिरंगे पक्षी, तितलियां, भवरे आदि से केवल शोभा ही नहीं बढ़ाते, यह हम सभी के लिए उपयोगी भी है |
(घ) ‘पक्षी’ शब्द के पर्यायवाची है – पंछी, खग है |
(ड़) ‘प्रकृति’ शब्द में प्रत्यय – इत|
your questions and answer also given in it
I hope my answer is correct and keep it up!!
Have a nice day