बंधुआ मजदूर समाज के विकास में बाधक है समीक्षा कीजिए
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यह इस क्रूरता से प्रभावित नागरिकों के मौलिक मानवाधिकारों का हनन मानता है और यह इसके यथा संभव न्यूनतम समय में पूर्ण समापन को लेकर अडिग है। बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976 को लागू करके बंधुआ मजदूरी प्रणाली को २५ अक्टूबर १९७५ से संपूर्ण देश से खत्म कर दिया गया।
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Answer: बंधुआ मजदूरी समाज के विकास में निम्न प्रकार से बाधक है–
1.इस प्रक्रिया के तहत समाज में अमीर एवम गरीब के बीच का फासला बढ़ता जाता है।
2.इस प्रक्रिया के तहत मनुष्य के मानवीय अधिकारों का हनन होता है।
3.यह गुलामी प्रथा को आगे बढ़ाता है।
4. मजदूरों पर शोषण लगातार बढ़ता जाता है।
5. इस प्रक्रिया से जमींदारी प्रथा को बहुत बढ़ावा मिलता है।
.
Explanation: इस प्रक्रिया से समाज में शोषण एवम अत्याचार ही बढ़ता है जो की समाज की रूप रेखा को बुरी तरह से बदल डालता है।
1.इस प्रक्रिया के तहत समाज में अमीर एवम गरीब के बीच का फासला बढ़ता जाता है।
2.इस प्रक्रिया के तहत मनुष्य के मानवीय अधिकारों का हनन होता है।
3.यह गुलामी प्रथा को आगे बढ़ाता है।
4. मजदूरों पर शोषण लगातार बढ़ता जाता है।
5. इस प्रक्रिया से जमींदारी प्रथा को बहुत बढ़ावा मिलता है।
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Explanation: इस प्रक्रिया से समाज में शोषण एवम अत्याचार ही बढ़ता है जो की समाज की रूप रेखा को बुरी तरह से बदल डालता है।
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