Hindi, asked by hauyh, 11 months ago

बांध लेंगे क्या तुझे यह मोम के बंधन सजीले पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए ​

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Answered by Brainlyaccount
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प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवित्री अपने प्रिय से प्रश्न करती है कि क्या मोम के समान शीघ्र नष्ट हो जाने वाले अस्थिर , अस्थायी ,परंतु सुंदर एवं अपनी ओर आकर्षित करने वाले ये सांसारिक बंधन तुम्हें तुम्हारे पथ से विचलित कर देंगे ?

Answered by chamilmajumder
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Answer:

कवियत्रि महादेवी वर्मा कहती है कि मानव! क्या ये मोन के गीले बंधन तुझे अपने जाल में बाँध लेंगे? क्या रंग-विरंगी तितलियों के पंख तुम्हारे मार्ग की रुकावट बनेंगे? क्या भौंरो की मधुर गुनगुनाहट संसार के दुखों को भुला देगी या ओस से गीले फूल की पंखुड़ियां तुझे डूबो देगी? तु व्यर्थ में ही अपनी परछाई को अपना जेलखाना बना रहा है। इन निराशा की भावनाओं को छोर तेरा जो लक्ष्य है उसे पाने के लिए तू सतत् प्रयत्न कर तुझे अभी बहुत दूर तक जाना है।

Explanation:

प्रस्तुत छन्द ‘चिर सजग आँखे आज कैसा व्यस्त बाना’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इसकी रचयिता श्रीमति महादेवी वर्मा है।

प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवित्री अपने प्रिय से प्रश्न करती है कि क्या मोम के समान शीघ्र नष्ट हो जाने वाले अस्थिर , अस्थायी ,परंतु सुंदर एवं अपनी ओर आकर्षित करने वाले ये सांसारिक बंधन तुम्हें तुम्हारे पथ से विचलित कर देंगे ?

कवियत्रि मानव को सचेत करते हुए कह रही है। कि हे संसार के पथिक! तेरी सदैव सजग रहने वाली आँखे आज अलसाई हुई सी क्यों हो रही है, तुझे तो अभी बहुत दूर तक जाना है।

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