बीड़न दो धाहे टहनी का
आजय छिन्न-मिलकर डाली
लेकिन पंख दिए है, तो
आकल उडानको विधान डान
इल पदयाश पशी क्या मायहकर
है
Answers
Explanation:
1) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
2) प्रश्नों के लिए निर्धारित अंक उनके सामने दिए गए हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर के रूप में दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त
विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए :
कवि वृंद ने रस्सी और पत्थर का उदाहरण क्यों दिया है ?
(A) किसी काम को जल्दी करने के लिए
(B) अभ्यास का महत्त्व बताने के लिए
(C) निरंतर कार्य करने की आवश्यकता बताने के लिए
- (D) मूर्ख की विशेषता समझाने के लिए
- (ii) 'आज़ादी' कविता में शागिर्द द्वारा पूछना कि 'सूरज में घोंसला बनाने को उड़ी जाती चिड़िया'
- का आशय है
- (A) असंभव कार्य को पूरा करने का हौसला
- (B) मनमाने ढंग से सैर-सपाटा
(C) बेफिक्र और उच्छृखल बनकर जीना
(D) खोजी प्रवृत्ति का बनना
'आह्वान' कविता में कवि का 'दैव के सिर दोष अपना मढ़ रहे !' में क्या भाव व्य
आह्वान' कविता में कवि का 'दैव के सिर दोष अपना मढ़ रहे !' में क्या भाव व्यहुआ है?
आह्वान' कविता में कवि का 'दैव के सिर दोष अपना मढ़ रहे !' में क्या भाव व्यहुआ है?होता
आह्वान' कविता में कवि का 'दैव के सिर दोष अपना मढ़ रहे !' में क्या भाव व्यहुआ है?होतागो_शियों