बुढ़ापे को बचपन का पुनरागमन क्यो कहा गया है? (बुढी काकी
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पाठ : बूढ़ी काकी
लेखक : मुंशी प्रेमचंद
' बूढ़ी काकी ' पाठ में लेखक ( प्रेमचंद ) ने,
बुढ़ापे को बचपन का पुनरागमन कहा है ।
'पुनरागमन ' अर्थात् वापसी । पूरे जीवन में '
बचपन ' ही ऐसा दौर होता है जो हर व्यक्ति को
पसंद होता है।
जैसे ही हम बड़े होते है , हम अपने बचपन
को बहुत याद करते है । बचपन सबके लिए
अनमोल होता है । ' बुढ़ापा ' भी बचपन की ही
भांति होता है :-
• जैसे कि बचपन में हम अपना दर्द रोकर
बताते है , ठीक उसी प्रकार बुढ़ापा में भी हम
यही करते है
• जिस प्रकार बचपन में हम सब कुछ खा पी
नहीं सकते , ठीक उसी प्रकार बुढ़ापे में भी हम
सब कुछ नहीं खा सकते ।
• जिस प्रकार बच्चों को हमेशा किसी की
जरूरत होती है , ठीक उसी प्रकार बुढ़ापे में
भी हमें किसी न किसी का सहारा की
आवश्यकता होती है ।
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I hope you understand best of luck to you
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