बाढ़ pr nibandh in 250 words with निश्कर्श
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भारी बारिश के कारण होने वाली बाढ़ के पानी की वजह से बीमारियों से होने के घातक परिणाम सामने आए हैं। इससे जीवन का नुकसान, बीमारियों में वृद्धि, मूल्य वृद्धि, आर्थिक नुकसान और अन्य मुद्दों के अलावा पर्यावरण का विनाश होता है। बाढ़ उनके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करती है।
बाढ़ के प्रकार
कई बार बाढ़ पर कुछ दिनों में काबू पाया जा सकता है जबकि कई बार इस पर हफ़्तों में काबू पाया जाता है जिससे उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन पर एक बुरा प्रभाव पड़ता है। यहां विभिन्न प्रकार की बाढ़ों पर एक नजर डाली गई है:
धीमी गति से स्थापित बाढ़
इस तरह की बाढ़ तब होती है जब नदियों के पानी की मात्रा अत्यधिक हो जाती है और आसपास के इलाकें इससे प्रभावित होते हैं। इस तरह की बाढ़ धीरे-धीरे विकसित होती है और कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक रह सकती है। यह कई किलोमीटर तक फैल जाती है और इससे अधिकतर निचले इलाकों पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे क्षेत्रों में बाढ़ के कारण इक्कठे पानी से जान-माल की संपत्ति का नुकसान हो सकता है और विभिन्न रोग भी पनप सकते हैं।
तेज़ गति से स्थापित बाढ़
इनका निर्माण होने में थोड़ा समय लगता है और ऐसी बाढ़ एक या दो दिन तक रह सकती है। इस तरह की बाढ़ बेहद विनाशकारी भी हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों को इन के बारे में चेतावनी भी दी जाती है
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प्रस्तावना
बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जो किसी क्षेत्र में अत्यधिक पानी के जमा होने के कारण होती है। यह अक्सर भारी बारिश का नतीजा है। कई क्षेत्रों को नदी या समुद्र के पानी के स्तर के बढ़ने के कारण, बांधों के टूटने के कारण और बर्फ की पिघलने के कारण बाढ़ का सामना करना पड़ता है। तटीय क्षेत्रों में तूफान और सूनामी इस स्थिति का कारण बनते हैं।
दुनिया भर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
विश्व भर में कई क्षेत्रों में लगातार बाढ़ होने की संभावना है। गंभीर और लगातार बाढ़ का सामना करने वाले दुनिया भर के शहरों में भारत में मुंबई और कोलकाता, चीन में गुआंगजो, शेनज़न और टियांजिन, एक्वाडोर, न्यू यॉर्क, न्यू जर्सी, हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम, मियामी और न्यू ऑरलियन्स शामिल हैं। पहले भी इन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण विनाश होते रहें हैं।
बाढ़ के कारण उत्पन्न समस्या को कैसे नियंत्रित करें?
मानव जीवन को बाधित करने से लेकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने तक - बाढ़ के कई नकारात्मक नतीजे हैं जिनसे निपटना मुश्किल है। इस प्रकार बाढ़ को नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस समस्या को नियंत्रित करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:
बाढ़ चेतावनी सिस्टम
बेहतर बाढ़ चेतावनी प्रणालियों को स्थापित करना यह समय की आवश्यकता है ताकि लोगों को आगामी समस्या के बारे में सही समय पर चेतावनी दी जा सके और उनके पास अपने और अपने सामान की रक्षा करने के लिए पर्याप्त समय हो।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भवनों का निर्माण
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में इमारतों का बाढ़ के पानी के स्तर से ऊपर निर्माण किया जाना चाहिए ताकि संपत्ति के नुकसान के साथ-साथ वहां रहने वाले लोगों को भी नुकसान से बचाया जा सके।
जल भंडारण प्रणाली की शुरुआत
बारिश के पानी को पुन: उपयोग करने के लिए सरकार को जल भंडारण प्रणालियों के निर्माण में निवेश करना चाहिए। इस तरह से मैदानी इलाकों में पानी के अतिप्रवाह होने और बाढ़ का कारण बनने की बजाए पानी का अत्यधिक इस्तेमाल किया जा सकता है।
ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाएं
बाढ़ के मुख्य कारणों में से एक ख़राब जल निकासी व्यवस्था है। जल निकासी से बचने के लिए अच्छी जल निकासी प्रणाली होना जरूरी है जिससे बाढ़ की स्थिति ना उत्पन्न हो।
बाढ़ बैरियर स्थापित करें
उन क्षेत्रों में बाढ़ बैरियर स्थापित किए जाने चाहिए जो बाढ़ से प्रभावित हैं। पानी निकल जाने के बाद इन्हें हटाया जा सकता है।
निष्कर्ष
हालांकि बारिश की घटनाएं, बर्फ-पहाड़ों का पिघलना, जल निकासियों और तूफानों को रोकना मुश्किल हो सकता है लेकिन इनमें से अधिकांश मामलों में पहले एतियात बरती जा सकती है और सरकार जल निकासी सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर सकती है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं। यहाँ ऊपर साझा किए गए कुछ तरीकों को नियोजित करके बाढ़ की स्थिति से बचा जा सकता है।
Explanation:
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