Hindi, asked by shraddhahoney6409, 4 months ago

बाढ़ से प्रभावित लोगों को परेशानियों का वर्णन करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए ​

Answers

Answered by ekramasdkp
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Answer:

please don't be sorry for the first time in the morning

Answered by Arhamshah28
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Explanation:

विषय :- जलभराव से उत्पन्न समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट करने हेतु पत्र।

महोदय

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सविनय निवेदन यह है कि , मैं पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर क्षेत्र में रहती हूं। यहां कई दिनों से नालियों का पानी गलियों में बह रहा है। थोड़ी सी बरसात से भी गली व आसपास के क्षेत्र में पानी बह रहा है। जिसके कारण तालाब बनने की स्थिति उत्पन्न हो गई है , लोगों का चलना फिरना भी दूभर हो गया है। इस समस्या के लिए स्थानीय पार्षद से संपर्क किया गया किंतु वह केवल खोखला आश्वासन देते हैं। इस समस्या के निदान के लिए लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों के पास भी शिकायत की किंतु वह भी इस समस्या की और गंभीर रूप से ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस समस्या के कारण स्थानीय जनता प्रभावित हो रही है।

जलभराव के कारण डेंगू , मलेरिया जैसे बीमारियों ने पांव पसारना आरंभ कर दिया है। इस बीमारी के प्रभाव में यहां के स्थानीय जनता आ गए हैं। स्थानीय अस्पताल में निरंतर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

अतः आपके माध्यम से मैं यह चाहती हूं कि आप अपने पत्र में इस समस्या को उजागर करते हुए संबंधित अधिकारियों तक इस समस्या को पहुंचाकर स्थानीय लोगों को सुविधा मुहैया करने में मदद करें ।

धन्यवाद

प्रार्थी

सुनीता

पता पूर्वी दिल्ली कृष्णा नगर

दिल्ली 110097

दूसरा उदाहरण =>

प्रश्न – प्लास्टिक की थैलियों से हो रही हानि के बारे में किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखकर अपने सुझाव दीजिए।

सेवा में

संपादक महोदय

दैनिक जागरण

नई दिल्ली 11 00 1

विषय : – प्लास्टिक की थैलियों से हो रही हानि की ओर आपके माध्यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचाने हेतु पत्र।

महोदय

श्रीमान मैं कक्षा 10 का छात्र हूं , मैं घर से विद्यालय आने के लिए निकलता हूं , रास्ते में एक कूड़ा घर मिलता है। जिसमें लोग गली – मोहल्ले और घरों का कूड़ा डाल देते हैं। वहां बहुतायत मात्रा में गाय – भैंस चारे की तलाश में रहती है। वह चारे के साथ साथ प्लास्टिक की थैलियां भी खा जाती है। जिसके कारण वह भयंकर बीमारी से ग्रसित हो जाती है।

साथ ही बहता हुआ एक नाला है , सारी प्लास्टिक की थैलियां उस नाले में तैरती रहती है। जिसके कारण नाला जाम होता है और बरसात के दिनों में पानी आसपास के घरों में घुस जाता है। इस प्लास्टिक की गुणवत्ता की नहीं है , जिसके कारण इसका रीसायकल करना भी मुश्किल है। कभी-कभी कूड़े का निस्तारण करने के लिए लोग कूड़े में आग लगा देते हैं। जिसमें यह प्लास्टिक जलकर विभिन्न प्रकार के जहरीले गैसों का उत्सर्जन करती है , जो वातावरण ही नहीं अपितु मनुष्य के लिए भी खतरनाक और जहरीला है।

अतः मैं आपके पत्र के माध्यम से इस समस्या को जन-जन तक और जनता के प्रतिनिधियों तक पहुंचाना चाहता हूं जो इस समस्या को जानबूझकर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

धन्यवाद

प्रार्थी

भीमसेन

बेगमपुर , उत्तर पश्चिमी दिल्ली

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