बुढ़िया के किस काम को लोग अपराध बता रहे थे और क्यों ?
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एक दिन वह सुबह मुँह-अंधेरे खेत में बेलों से पके खरबूजे चुन रहा था कि गीली मेड़ की तरावट में आराम करते साँप पर उसका पैर पड़ गया और साँप ने उस लड़के को डस लिया। ओझा के झाड़-फेंक आदि का उस पर कोई प्रभाव न पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई। है। इसलिए अब बुढ़िया को कोई भी उधार देने को तैयार नहीं था।
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एक दिन वह सुबह मुँह-अंधेरे खेत में बेलों से पके खरबूजे चुन रहा था कि गीली मेड़ की तरावट में आराम करते साँप पर उसका पैर पड़ गया और साँप ने उस लड़के को डस लिया। ओझा के झाड़-फेंक आदि का उस पर कोई प्रभाव न पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई। है। इसलिए अब बुढ़िया को कोई भी उधार देने को तैयार नहीं था।
Explanation:
To be honest this is a good and brilliant question..
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